संसार कल्पब्रृक्ष है इसकी छाया मैं बैठकर हम जो विचार करेंगे ,हमें वेसे ही परिणाम प्राप्त होंगे !पूरे संसार मैं अगर कोई क्रान्ति की बात हो सकती है तो वह क्रांती तलवार से नहीं ,विचार-शक्ति से आएगी !तलवार से क्रांती नहीं आती ,आती भी है तो पल भर की, चिरस्थाई नहीं विचारों के क्रांती ही चिरस्थाई हो सकती है !
"One end of our tongue is connected towards the heart and the other with the brain. When we speak, it should be a collaboration between the feelings of the heart and the great intellect or sensible thoughts. Otherwise this speech can cause massive destruction. Thus one should always speak as if they are one with God"
"मनुष्य की यही महिमा हें कि वह स्वतन्त्र हें कर्म करने में और न करने में भी वह स्वतन्त्र हें और यही उसका विषाद भी हें । मनुष्य गलत करने में भी स्वतन्त्र हें । स्वतन्त्रता में गलत और सही दोनों की स्वतन्त्रता हें ।"
परम पूज्य सुधाँशु जी महाराज
"Human being has freedom to perform any action or refrain from any action. This is the magnitude or grandeur of human birth as well as the gloom or misfortune of human birth. A perosn has a total freedom of doing both moral or immoral behaviour and right or wrong actions."
हम अपने धन की ,घर की और अपनी सुरक्षा का प्रबन्ध तो करते हैं परन्तु जो हमारे अन्दर दोष हैं उनको दूर करने का उपाय कभी सोचते ही नहीं ! इन दोषों के कारण सदा भयभीत और आशान्त रहते हैं
कम खाना ,गम खाना और नम जाना -नम जाना का मतलब है ,झुक जाना ,प्रणाम करना ,शिष्ट रहना,अभिमान से रहित रहना-कहते हैं कि ये तीन शब्द सज्जनता के परिचायक हैं !
" हमारी जीभ का एक सिरा नीचे जुड़ा हें, ह्रदय की ओर। दूसरा सिरा मस्तिष्क के साथ जुडा हें ह्रदय की संवेदनाएँ और दिमाग़ से विचार कर, दोनों का सहयोग लेकर फिर बोलना चाहिए अन्यथा यह वाणी विनाश बहुत करती हें । इस वाणी में परमात्मा का नाम बसाया जाए।"
परम पूज्य सुधांशु जी महाराज
"One end of our tongue is connected towards the heart and the other with the brain. When we speak, it should be a collaboration between the feelings of the heart and the great intellect or sensible thoughts. Otherwise this speech can cause massive destruction. Thus one should always speak as if they are one with God"