Subject: [GURUVANNI] बुद्धि और मन
- भगवान गीता में कहते हें की जो मुझ में रमा हे और जो अपने मन और बुद्धि को कहीं और न लगा कर मुझ में लगाता हे में उसके लिए आसानी से सुलभ होजाता हूँ !
- गुरुवर सुधान्शुजी महाराज के प्रवचनांश
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