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parampujy Guruvar Sudhanshuji Maharaj ka Shishay

Friday, October 17, 2014

Fwd: [Param Pujya Sudhanshu Ji Maharaj] Fwd: [www.mgg.santvani] Fwd: [www.mgg.santvani] Fwd: [AMRIT VANI ] मनुष्य अपनी



---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga <mggarga4@gmail.com>
Date: Tuesday, June 24, 2014
Subject: [Param Pujya Sudhanshu Ji Maharaj] Fwd: [www.mgg.santvani] Fwd: [www.mgg.santvani] Fwd: [AMRIT VANI ] मनुष्य अपनी
To: mggarga2@gmail.com







 
 ]मनुष्य अपनी



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Posted By Madan Gopal Garga to Param Pujya Sudhanshu Ji Maharaj at 6/24/2014 07:24:00 PM

Thursday, October 9, 2014

moolya

Wednesday, October 8, 2014

जो अपने लक्ष्य


जो अपने लक्ष्य के प्रति पागल हो गया हो उसे ही प्रकाश का दर्शन होता हे !जो थोडा इधर थोडा उधर हाथ मारते हें वे कोइ लक्ष्य पूर्ण नहीं कर पाते ! वे कुछ क्षणों के लिये बडा जोश दिलाते हें ,किन्तु यह शीघ्र ठंडा हो जाता हे !

Monday, October 6, 2014

प्रत्येक स्थान



प्रत्येक स्थान और समय बोलने के योग्य नहीं होते, कभी-कभी मौन रह जाना बुरी बात नहीं |

Sunday, October 5, 2014

भक्त वह हे

Thursday, October 2, 2014

संत कबीर दोहे

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परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

 मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम् 



संत कबीर दोहे
सब धरती कागद करूं, लखनी सब बनराय।

सात समुँदर की मसि करूं, गुरू गुन लिखा न जाय।!

कबीर ते नर अंध है, गुरू को कहते और।

हरी रूठे गुरू ठौर है, गुरू रूठे नहीं ठौर।।

गुरू बडे गोविन्द ते, मन में देखू विचारी।

हरी सुमिरे सो बार, गुरू सुमिरे सो पार।।

Wednesday, October 1, 2014

गुरू महिमा

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परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

 मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम् 




गुरू महिमा

गुरू गोविन्द दोउ ,खडे काके लागुं पाय।
बलिहारी गुरूदेव की ,जिन गोविंस दियो बताय।।

गुरू बिन ज्ञान न उपजे ,गुरू बिन भक्ति न होय।
गुरू बिन संशय ना मिटे ,गुरू बिन मुक्ति न होय।।
गुरू -धोबी शिष्-कापडा ,साबुन -तिरजनहार।
तुरत -सिला पर धोइये ,निकले रंग अपार।।


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