ULHASNAGAR SATSANG KI AMRUT KI RIMZIM FUHAR :- MAHARAJSHRI : 7th Nov.,2013 : 1. Khushiya aayi toh muskuraye aisa nhi Tum muskurao toh khushiya aaye. 2. Dhnyawad krne joa Parmatma se ki himmt de.Sada muskurane ki taufik de. 3. Jb tk aapki jivan drushti nhi bdlegi tb tk aap sukhi nhi ho skte. 4. Samay,Sehat,Sambandh jis pr koi tag nhi lga hota ki inki kimat kya hai?Apne Samay ka sahi labh le le.Bardasht krne ka bhi samay hota hai.Gardan jhukani hai apne Guru k samne aur Bhagwan k samne.Chankya kahte hai ki samay ko prkhna.Apni dasha ko bhi pahchano.Khud pr bhi daya karo.Bhagwan kahte hai tumhe daya krne ka mauka diya tha toh tumne daya ki dusrompr? 5. Andar se khush raho.Sehat,Nind,Bhojn k bare me niymit ho. 6. Mahilaonko 40 varsh aayu k baad Vitamin D,Calcium ki jrurt hoti hai. 7. Pudinhara + Dhaniya + motiwali hari mirch beej nikaldo+ tmatar = chatni bnaye.Sehat k liye achhi..:-) 8. Prarthna krk jage aur soye. 9. Draupdi ne apni dinta duniya k samne nhi aane di.Krishn se baat krte2 usne 36 prakar k vynjn Chaval k hi bna diye..Thode me hi kyu n ho,apni Badshaht me jiya kro. 10. Dhyan me avshy baitha karo. 11. Santushti,Shanti aur usk baad Anand aata hai. 12. Bharosa krna Bhagwan pr aur duniya k bhi bharosemand bniye.Khud ko janiye,Khuda ko bhi janiye. 13. Apne mann ko vyvsthit krne k liye apni ichhaonko bhi vyavsthit kr lijiye. Yh anjali meri Maharajshri ne bhr di hai vh mai aapk anjli me de rhi hun plz heartly accept it as A Divine Diwali Gift Package for all of us by our kind & lovable Sadgurudev,Maharajshri. Lots of THANKS Maharajshri.. |
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- घर पर आये अतिथि का स्वागत करना (1)
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- चार चीज याद रखो (1)
- चिंतन (1)
- चिंता (1)
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- जब आपके पास सही विचार हैं (1)
- जब कभी संकट की बेला (1)
- जब जीवन मैं (1)
- जब तक आदर्श विचारों में (1)
- जब भी बोलो यह सोच के बोलो (1)
- जब मन में सन्तुष्टी हो (1)
- जब संसार की वासनाओं का (1)
- जब हम कर्म के फल की कामना (1)
- जहां भी त्याग की भावना (1)
- जहाँ विराटता की थोड़ी-सी भी (1)
- जागो (1)
- जिज्ञासा प्रारंभ में परमात्मा ने हमको दी णी (1)
- जिज्ञासु :-गुरुदेव जब भी भक्ति मैं बैठता हूँ तो मन. (1)
- जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के (1)
- जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : साधारण जीवन में परमात्म (1)
- जिंदगी (1)
- जिंदगी के हर मोड़ पर काम आने वाली (1)
- जिंदगी को (1)
- ज़िन्दगी के पन्ने पर कुछ ऐसा लिख जा (1)
- जिन्दगी के प्रत्येक कर्म (1)
- जिन्दगी को ऐक खेल बनाओ (1)
- जिन्दगी वक्त के रूप (1)
- जिस समय तुम संसार में उलझ (1)
- जिसके पास धैर्य है (1)
- जिसमें संतुलन है उसके अन्दर प्रसन्नता है (1)
- जीना मरना (1)
- जीने की समझ (1)
- जीभ (1)
- जीवन (1)
- जीवन की दिशा बदल (1)
- जीवन की दौड़ मैं गिरना बुरी आदत नहीं (1)
- जीवन की वाटिका (1)
- जीवन की सम्पूर्णता है आनन्द (1)
- जीवन के लिए तीन चीजें जरुरी हैं (1)
- जीवन जीने की अनुपम विधा है (1)
- जीवन में जरुरी (1)
- जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध (1)
- जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध को (1)
- जीवन में श्रेष्ठ को जान (1)
- जीवन में सब तरह के रंग (1)
- जीवन रुपी रस्सी को नाव से खोलोगे (1)
- जीवन संगीत (1)
- जीवन स्वर्ण से नहीं खरीदा जा सकता (1)
- जुआ (1)
- जुआ सुख (1)
- जैसे आँखों में मोतियाबिंद (1)
- जैसे दिन को सजाता है (1)
- जैसे भेड़ों का झुंड चलता है (1)
- जैसे सोना अग्नि में पड़कर (1)
- जो आज वर्तमान है (2)
- जो तुम्हारे पास नहीं (1)
- जो परम तत्त्व हमारे अंतर में बसा हुआ है (2)
- जो बीत गया सो बीत गया (1)
- जो भी रोजी रोटी कमाने का रास्ता (1)
- ज्ञानोदय (1)
- झूंट (1)
- तप से (1)
- तीर्थ आपके अदंर हें (1)
- तू-तू (1)
- त्याग कारो तृष्णा का (1)
- दया धर्म का मूल हे (1)
- दिया (1)
- दिया जला नहीं सकते (1)
- दिया जला नहीं सकते तो (1)
- दुःख -सुख (1)
- दुःख की लकीरे मन को दबाने लगे तो (1)
- दुनिया की आँखों में धूल (1)
- दुनिया की पुरानी रीत (1)
- दुनिया में जहाँ विनम्रता से कार्य (1)
- दुनिया में भगवान को चाहने वाले कम हे... (1)
- दुर्भाग्य (1)
- दूर की दर्ष्टि रखना जीवन एक महान गुण हे (1)
- दूसरों के दोष ढूंढने में अपनी शक्ति (1)
- दूसरों को चोट पहुँचाने (1)
- दोष (1)
- द्रढ निश्चय (1)
- द्वंद (1)
- धन (1)
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- धन मिल भी जाए तो (1)
- धन साधन हें साध्य नहीं (1)
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