"आपके द्वारा जितने लोग दुनिया में अच्छाई पर चलते जायेंगे, उनके पुण्यों का कुच्छ-न-कुच्छ भाग आपके खाते में जुडता चला जायेगा। अगर हम बुरे रहें और बुराई का प्रचार करते रहे तो जो बुराई हम कर रहें हैं, वह बुराई तो हमारे खाते में जुड ही रही है, लेकिन हमारी बुराई से प्रभावित होकर जो लोग बुरे बन रहें है, उनकी बुराई का अंश भी हमारे खाते में जुडता जायेगा। इसलिए जो आदमी अच्छा था, उसकी अच्छाइयों का, उसके पुण्यों का अंश तो उसके खाते में है ही, लेकिन उसके मरने के बाद भी उसकी गुण-सुगंध से लोग प्रभावित होते हैं । जिसकी कीर्ति दुनिया में रहती है, उससे प्रभावित होकर लोग जो पुण्य करते हैं , वह आत्मा कहीं भी हो, वहीं उसके खाते में पुण्य जुडते जाते हैं और वह उससे शांति और सुख भोगते रहते हैं । "
परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज
Our good and bad deeds are calculated into an account. When others do good deeds influenced by us that too get placed in our account. Similarly when bad or evil deeds are committed by people upon our influence, that also effects our account. A good man's righteous deeds seal his account while he is alive and after death also his moral deeds affect others to act in a just and good way. The soul of that glorious person remains in peace and ease because of all the good deeds added to its account.
Translated by Humble Devotee
Praveen Verma