- जीवन का परम उद्देश्य हे,इश्वर को पाना .परम में पहुँचना किन्तु कितने हें जो इस ओर ध्यान देते हें ? कोई शारीरिक सुख में मस्त हे तो कोई भ्रम जालों में फंसता जा रहा हे !मृत्यु तो सिर के ऊपर नाच रही का . अगले पल का भरोसा नहीं !अब तक भूले हो पर अब न भूलो ! आंखें खोलो सचेत हो जाओ , जीवन क्या हे ? हम क्या हें ? हमारा उद्देश्य क्या हे ? इन प्रश्नों को महत्त्व दो जितना रोटी ,कपड़ा .मकान को देते हो !
- गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश