
- संसार कल्पब्रृक्ष है इसकी छाया मैं बैठकर हम जो विचार करेंगे ,हमें वेसे ही परिणाम प्राप्त होंगे !पूरे संसार मैं अगर कोई क्रान्ति की बात हो सकती है तो वह क्रांती तलवार से नहीं ,विचार-शक्ति से आएगी !तलवार से क्रांती नहीं आती ,आती भी है तो पल भर की, चिरस्थाई नहीं विचारों के क्रांती ही चिरस्थाई हो सकती है !
- धर्मदूत दिसम्बर २००८