इश्वर जिस पर खुश होता है, उसे नदी की सी दानशीलता, सूर्य की सी उदारता और पृथ्वी की सी सहनशीलता प्रदान करता है। इश्वर की सेवा करने से और उसपर श्रद्धा रखने से प्राणों में ज्योति प्रकट होती है जो जीवन में खुशियाँ और संतुष्टि भर देती हैं। इस संतुष्टि से बढ कर दुनिया में कोई सुख नहीं।