disciple of Sudhanshuji Maharaj
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Thursday, May 31, 2012
: आज का विचार - 31/5/12
From: Praveen Verma
भाग्य आपको परिस्थितियॉ देता है, पर पुरुषार्थ उनसे निकलने की हिम्मत देता है।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Destiny or fate may present you with harsh circumstances but with diligence and perseverance, the path to overcoming these circumstances is provided. Humble Devotee |
Wednesday, May 30, 2012
आज का जीवन सूत्र-३०-५-२०१२
Friday, May 25, 2012
पूज्य गुरुदेव :-
: पूज्य गुरुदेव :-: पूज्य गुरुदेव :- इस मानव जीवन का सदुपयोग कैसे करें ? इस जीवन का उद्देश्य क्या है और इसे कैसे पहचानें ? महाराजश्री :- शास्त्रों मै ...
Thursday, May 24, 2012
Wednesday, May 23, 2012
आज का जीवन सूत्र
गुरु देव कृपा करके
Monday, May 21, 2012
Sunday, May 20, 2012
जो सहज प्राप्त होता है
Saturday, May 19, 2012
आज का जीवन सूत्र१९-५-२०१२
Friday, May 18, 2012
Refrigerato
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Fwd: [Vardanlok Ashram Mumbai] Param Pujya Shri Sudhanshuji Maharaj ke amrit...
From: Naveen Vig <notification+zvefelze@facebookmail.com>
Date: Fri, May 18, 2012 at 7:31 AM
Subject: [Vardanlok Ashram Mumbai] Param Pujya Shri Sudhanshuji Maharaj ke amrit...
To: Vardanlok Ashram Mumbai <vardanlok@groups.facebook.com>
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Thursday, May 17, 2012
आज का जीवन सूत्र-१७-५-२०१२
Wednesday, May 16, 2012
Fwd: आज का विचार - 5/6/12
From: Praveen Verma
जीवन में जो भी जब भी अवसर मिले और जो उनका लाभ उठा लें वो ही आगे बढ़ते जाते हैं । परम पूज्य सुधांशुजी महाराज Those who take advantage of opportunities, whenever they arise and whatever they may be, will progress in life. Humble Devotee |
गुरुवाणी 15-5-2012
आज का जीवन सूत्र १६-५-२०१२
हम प्रयास भुत करते हैं लेकिन लेकिन कमाई मैं बरकत नहीं होती
Tuesday, May 15, 2012
Fwd: [Vardanlok Ashram Mumbai] Param Pujya Shri Sudhanshuji Maharaj ke amrit...
From: Naveen Vig <notification+zvefelze@facebookmail.com>
Date: Tue, May 15, 2012 at 8:02 AM
Subject: [Vardanlok Ashram Mumbai] Param Pujya Shri Sudhanshuji Maharaj ke amrit...
To: Vardanlok Ashram Mumbai <vardanlok@groups.facebook.com>
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Monday, May 14, 2012
Fwd: [GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ] Thoda maan pane ke liye apmaan bhi sehna padhta...
From: Nandini Sharma Vjm <notification+zvefelze@facebookmail.com>
Date: Sun, May 13, 2012 at 10:50 PM
Subject: [GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ] Thoda maan pane ke liye apmaan bhi sehna padhta...
To: GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ <sudhanshujimaharaj@groups.facebook.com>
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Sunday, May 13, 2012
Fwd: [jigyasa aur samadhan] जीवन के लिए सब से महत्त्वपूर्ण कया हे
From: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
Date: 2012/5/13
Subject: [jigyasa aur samadhan] जीवन के लिए सब से महत्त्वपूर्ण कया हे
To: mggarga@gmail.com
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Posted By Madan Gopal Garga to jigyasa aur samadhan at 5/13/2012 08:04:00 PM
Friday, May 11, 2012
Thursday, May 10, 2012
गुरु वाणी १०-५-२०१२
Wednesday, May 9, 2012
जिग्यासा और समाधान धन आता हे और चला जाता है
Tuesday, May 8, 2012
: आज का विचार -8/5/12
From: Praveen Verma
दौड़ने से पहले रुकिए, रुककर सोचिए, ठहरिए। उसके बाद अपनी दौड़ जारी रखो। समस्या को पहले समझो,
प्यार से समझो, समझने में थोड़ा समय लगा दो। ठीक से समस्या समझ में आ गई फ़िर झूझना शुरु कीजिए। इस समझ की बहुत कीमत है।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Stop before you run; pause and think. Then continue to run. Spend some time understanding the problem. When you fully understand the problem, then go and start to act. There is much value in taking the time to fully understanding a problem.
दुखों के गीत
गुरु ज्ञान की खान है
गुरु बिन ज्ञान न उपजे
Monday, May 7, 2012
Happy Home
Whenever you go out keep your head cool,face smilling and speech mellowed with sweetness and return home with same disposition . There will be peace and happiness in your home.
from
आज का विचार 7/5/12
From: Praveen Verma
जीवन में जो भी जब भी अवसर मिले और जो उनका लाभ उठा लें वो ही आगे बढ़ते जाते हैं । परम पूज्य सुधांशुजी महाराज Those who take advantage of opportunities, whenever they arise and whatever they may be, will progress in life. Humble Devotee |
Saturday, May 5, 2012
Fwd: आज का विचार - 4/29/12
From: Praveen Verma
आप जागरूक हैं तो स्वंय के मित्र हैं, नहीं तो स्वंय के शत्रु हैं। स्वंय के मित्र बनो – शत्रु नहीं।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
If you practice self awareness then you are your friend otherwise you are your enemy. Be a friend to yourself and not an enemy.
Humble Devotee
आज का विचार -4/5/12
From: Praveen Verma
मिल कर काम करने से सभी सपने साकार हो सकते हैं।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
When people come together, anything can be possible.
Humble Devotee
Friday, May 4, 2012
Tuesday, May 1, 2012
आज का विचार - 1/5/12
From: Praveen Verma
गुरु ज्ञान की गंगा
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- आज का विचार - 1/5/12 (1)
- आज का विचार - 17/3/12 (1)
- आज का विचार - 28/4/12 (1)
- आज का विचार--गुरु के मुख से (1)
- आज की गुरुवाणी 10-5-2012 (1)
- आज की गुरुवाणी 11-5-2012 (1)
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- आज जो अवसर (1)
- आज से जिन्दगी को (1)
- आत्मा (1)
- आदमी का अन्तःकरण स्वच्छ होना चाहिए (1)
- आदमी क्या हे (1)
- आनंद (1)
- आनंद धाम (1)
- आपका धन कम (1)
- आपका वास्तविक रूप है (1)
- आपके द्वारा जितने लोग दुनिया में अच्छाई पर चलते जायेंगे (1)
- आशंकायें तरह (1)
- आस्तिक इंसान वो है जो (1)
- इस धरती को अगर रहने के काबिल बनाना चाहते हो (1)
- इस धरती को अगर रहने के काबिल बनाना चाहते होन (1)
- इंसान की व्यवस्थायें बहुत अच्छी हो सकती हैं (1)
- इंसान पदार्थो का बहुत महत्व मानने लग जाता है (1)
- उपयोगी बातें (1)
- उपासना (1)
- उलझन (1)
- उलझाना (1)
- कई कार्य एक साथ (1)
- कड़वाहट (1)
- कभी अपने आपसे भी मिलो बड़ा (1)
- कभी कम होने मत देना (1)
- कमी निकालना (1)
- कर्ण कौन सा श्रेष्ट है ? (1)
- कर्म (1)
- कर्म और भाग्य दोनो (1)
- कर्म और भाग्य दोनो अलग अलग हें (1)
- कानून (1)
- कार्य (1)
- काल (समय) जब अपने (1)
- किसी महान पुरुष के वचन (1)
- कुछ उदबोधन और जागृति के अक्षर (1)
- कौन हे ? (1)
- कौन है ? (1)
- क्रोध (2)
- क्रोधी व्यक्ति अपने (1)
- क्षमा (1)
- खुश रहना (1)
- खुश रहो (1)
- खुशबू (1)
- खुशियों हमेशा बूँदों की तरह बरसती हैं (1)
- खुशी (1)
- खुशी और कमाई एक दुसरे से जुड़े (1)
- गणेश महालक्ष्मी महायागा 2008 (1)
- गलती (1)
- गीता (1)
- गुरु (1)
- गुरु का पत्र अपने प्यारों के नाम (1)
- गुरु के प्यारों के आनन्द का पर्व ----"-उल्लास पर्व " समारोह २०११ (1)
- गुरु को संभाल लो तो गोविन्द भी (1)
- गुरु को संभाल लो तो गोविन्दअमृतवाणी (1)
- गुरु जी बाग़ से बैठे हुए (1)
- गुरु ज्ञान की गंगा (1)
- गुरु ज्ञान वाटिका के पुष्प (1)
- गुरु ज्ञान-वाटिका के सुन्दर सुमन (1)
- गुरु मंत्र (1)
- गुरु वाणी (1)
- गुरु सन्देश उठो (1)
- गुरु सुख का बहता (1)
- गुरुजनों का सदैव सम्मान करें (1)
- गुरुदेव -गुरुमां के ग्रहस्थ प्रवेश (1)
- गुरुदेव जीवन में सात्विक भाव जगाने के लिए क्या क... (1)
- गुरुदेव धर्म के पथ पर चलने का सदेश सभी देते हें (1)
- गुरुपूर्णिमा महोत्सव के देशव्यापी कार्यकर्म (1)
- गुरुवाणी (1)
- गुरुवाणी २७-४-२०१२ (1)
- गृहस्थ आश्रम के ३१ वर्ष सम्पन्न होने पर बधाई (1)
- घर पर आये अतिथि का स्वागत करना (1)
- घृणा को प्रेम से और (1)
- चकोर को चैन मिलता है (1)
- चार चीज याद रखो (1)
- चिंतन (1)
- चिंता (1)
- चिंता को चबा लेना नहीं तो (1)
- चिंता से चिंतन की (1)
- चिंता से चिंतन की और (1)
- चित्त एक सरोवर (1)
- जग (1)
- जन्म देने वाले मालिक (1)
- जब आपके पास सही विचार हैं (1)
- जब कभी संकट की बेला (1)
- जब जीवन मैं (1)
- जब तक आदर्श विचारों में (1)
- जब भी बोलो यह सोच के बोलो (1)
- जब मन में सन्तुष्टी हो (1)
- जब संसार की वासनाओं का (1)
- जब हम कर्म के फल की कामना (1)
- जहां भी त्याग की भावना (1)
- जहाँ विराटता की थोड़ी-सी भी (1)
- जागो (1)
- जिज्ञासा प्रारंभ में परमात्मा ने हमको दी णी (1)
- जिज्ञासु :-गुरुदेव जब भी भक्ति मैं बैठता हूँ तो मन. (1)
- जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के (1)
- जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : साधारण जीवन में परमात्म (1)
- जिंदगी (1)
- जिंदगी के हर मोड़ पर काम आने वाली (1)
- जिंदगी को (1)
- ज़िन्दगी के पन्ने पर कुछ ऐसा लिख जा (1)
- जिन्दगी के प्रत्येक कर्म (1)
- जिन्दगी को ऐक खेल बनाओ (1)
- जिन्दगी वक्त के रूप (1)
- जिस समय तुम संसार में उलझ (1)
- जिसके पास धैर्य है (1)
- जिसमें संतुलन है उसके अन्दर प्रसन्नता है (1)
- जीना मरना (1)
- जीने की समझ (1)
- जीभ (1)
- जीवन (1)
- जीवन की दिशा बदल (1)
- जीवन की दौड़ मैं गिरना बुरी आदत नहीं (1)
- जीवन की वाटिका (1)
- जीवन की सम्पूर्णता है आनन्द (1)
- जीवन के लिए तीन चीजें जरुरी हैं (1)
- जीवन जीने की अनुपम विधा है (1)
- जीवन में जरुरी (1)
- जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध (1)
- जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध को (1)
- जीवन में श्रेष्ठ को जान (1)
- जीवन में सब तरह के रंग (1)
- जीवन रुपी रस्सी को नाव से खोलोगे (1)
- जीवन संगीत (1)
- जीवन स्वर्ण से नहीं खरीदा जा सकता (1)
- जुआ (1)
- जुआ सुख (1)
- जैसे आँखों में मोतियाबिंद (1)
- जैसे दिन को सजाता है (1)
- जैसे भेड़ों का झुंड चलता है (1)
- जैसे सोना अग्नि में पड़कर (1)
- जो आज वर्तमान है (2)
- जो तुम्हारे पास नहीं (1)
- जो परम तत्त्व हमारे अंतर में बसा हुआ है (2)
- जो बीत गया सो बीत गया (1)
- जो भी रोजी रोटी कमाने का रास्ता (1)
- ज्ञानोदय (1)
- झूंट (1)
- तप से (1)
- तीर्थ आपके अदंर हें (1)
- तू-तू (1)
- त्याग कारो तृष्णा का (1)
- दया धर्म का मूल हे (1)
- दिया (1)
- दिया जला नहीं सकते (1)
- दिया जला नहीं सकते तो (1)
- दुःख -सुख (1)
- दुःख की लकीरे मन को दबाने लगे तो (1)
- दुनिया की आँखों में धूल (1)
- दुनिया की पुरानी रीत (1)
- दुनिया में जहाँ विनम्रता से कार्य (1)
- दुनिया में भगवान को चाहने वाले कम हे... (1)
- दुर्भाग्य (1)
- दूर की दर्ष्टि रखना जीवन एक महान गुण हे (1)
- दूसरों के दोष ढूंढने में अपनी शक्ति (1)
- दूसरों को चोट पहुँचाने (1)
- दोष (1)
- द्रढ निश्चय (1)
- द्वंद (1)
- धन (1)
- धन -ज्ञान (1)
- धन मिल भी जाए तो (1)
- धन साधन हें साध्य नहीं (1)
- धन्यवाद (1)
- धर्म (3)
- धर्म की कसौटी (1)
- धेर्य बहुत बड़ा गुण हे (1)
- न अत्याचार करो न (1)
- न तो संसार मैं (1)
- नया आ रहा है (1)
- नववर्ष के स्वागतार्थ सदगुरु की सदप्रेरणा (1)
- निचे न गिरें (1)
- निराश (1)
- पंछी कभी संग्रह नहीं करते (1)
- परम उद्देश्य (1)
- परमात्मा (1)
- परमात्मा की कृपा सहज ही कैसे होती हैं (1)
- परमात्मा के निमित आप कोई भी कार्य करे (1)
- परिवरतन (1)
- परिस्थितियाँ (1)
- पानी (1)
- पाया है तो (1)
- पारस मणी (1)
- पुण्यरूपी हाथ कौन सा हे ? (1)
- पुरान (1)
- पूज्य महाराजश्री के आगामी कार्यक्रम (अप्रैल २००९ में ) (1)
- पूज्य श्री के मई ०९ के कार्यक्रम (1)
- पूज्य श्री सुधांशुजी महाराज का विनम्र निवेदन (1)
- पूज्यश्री के आगामी कार्यक्रम (1)
- पैसा (1)
- पैसे से आप (1)
- प्रकृति का नियम है कि (1)
- प्रत्येक इन्द्रिय का अपना धर्म है (1)
- प्रथ्वी (1)
- प्रभु की भक्ति (1)
- प्रसन्न रहने का स्वभाव बनाओ (1)
- प्रसन्न रहने के (1)
- प्रार्थना (1)
- प्रार्थना का मतलब हें धन्यवाद करना (1)
- प्रार्थना का मतलब हें धन्यवाद करना और (1)
- प्रेम (1)
- बहस करते करते वहाँ मत पहुँचो (1)
- बहादुर (1)
- बहार की रौशनी के भ्रम में अन्दर के उजाले को मत भूलो (1)
- बहिर्मुख वृति आपकी बनी हुई है (1)
- बाल्यकाल (1)
- बुद्धि और मन (1)
- बुरा (1)
- बृद्धों को चाहिए कि ज्यादा बोलने से बचें (1)
- बोध कथाएँ (1)
- बोलना (1)
- भक्ति (1)
- भक्ति करने के लिये कहां से प्रारम्भ करें (1)
- भगवन (1)
- भगवान का निय (1)
- भगवान की पूजा-प्रार्थना इस (1)
- भगवान के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए प्रयोग किये गए शब्द प्रार्थना हे (1)
- भगवान के सामने जब बेठो तो हाथ जोड़कर विनम्रता (1)
- भगवान गीता में कहते हें (1)
- भगवान ने आपको दुनियाँ के लाखों (1)
- भगवान वही देता है जो उचित (1)
- भगवान् की भक्ति (2)
- भय (1)
- भविष्य जानने की कोशिश मत करो (1)
- भविष्य परमात्मा के हाथ में है (1)
- भाग्य आपको परिस्थितियॉ देता (1)
- भाग्य क्या है ? (1)
- भावनायें (1)
- भूल होना (1)
- भोगना (1)
- मगर जिसे मिलता है गुरु का प्यार (1)
- मन (1)
- मन की शान्ति (भाग -३ ) (1)
- मन की शान्ति के लिए (भाग -१ ) (1)
- मन की शान्ति के लिए (भाग -२) (1)
- मन के कोरे (1)
- मन प्रभु (1)
- मननहीं बदला जाए (1)
- मनुष्य की प्रत्येक इन्द्रिय का अपना धर्म है (1)
- मनुष्य के जीवन में सबसे पहले यह (1)
- मनुष्य विचारों से ही (1)
- मन्त्र (1)
- महानता (1)
- महाराजश्री के (1)
- महाराजश्री के आगामी कार्यक्रम (1)
- महिमा (1)
- महीने में कम से कम एक दिन (1)
- माथे पर बरफ (1)
- माया (1)
- माहारज श्री के अहमदाबद् के प्रवचन का सीधा प्रसारण (1)
- मित्रता (1)
- मुर्ख (1)
- मुशकिल (1)
- मुस्कराने से खुशियां आपके आस पास (1)
- मूँगफली दी खुशबु ते गुड़ दी मिठास (1)
- मूर्खता चोट (1)
- में-में की लड़ाई से कैसे बचें (1)
- यदि किसी को कुछ दे दिया (1)
- यह जीवन छुरे (1)
- याद रखिए अगर भय है (1)
- रक्षा करो प्रेम (1)
- रहने का तरीका (1)
- राख को तो चीं (1)
- रोज यह सोचो की (1)
- लक्ष्य (1)
- लड़ाई (1)
- लापरवाही (1)
- लालच (1)
- वह इंसान महान है जो अपने नियम और मर्यादा (1)
- वहा ये बात प्रमुख हे कि.... (1)
- वाणी मैं अनर्थ (1)
- विद्यार्थियों के लिए धर्म का सूत्र (1)
- विद्यार्थियों के लिए धर्म के सूत्र (1)
- विपरीत समय में दुनिया (1)
- विराट सत्संग उल्ल्हासनगर (1)
- विराट भक्ति सत्संग (1)
- विराट भक्ति सत्संग् (1)
- विराटता (1)
- विश्वास (1)
- वे माता पिता अपनी (1)
- वेद (1)
- शांत मस्तिष्क ही सही (1)
- शान्ति (1)
- शान्ति एव सौहार्द की प्रतिमूर्ति हैं सदगुरु (1)
- शिव जी की प्रार्थना (1)
- शिवजी के १०८ नाम (1)
- शुभ कर्म (1)
- शुभ का स्वागत करो (1)
- श्री गणपति भगवान (1)
- सज्जनता (1)
- सत्कर्म (1)
- सत्संग और स्वाध्याय (1)
- सदगुरु की अमृत वाणी (1)
- सदगुरु के अनमोल बोल (1)
- सदगुरु चालीसा (1)
- सन्तान कौन सी अच्छी है (1)
- सफ़र (1)
- सफ़लता के मार्ग पर (1)
- सफलता यात्रा हे लक्ष्य (1)
- सब कुछ खो जाए (2)
- सबसे उपयुक्त समय ----- (1)
- सबसे बड़ा प्रेरक मनु (1)
- सभ्यता (1)
- समस्या को पहले समझो (1)
- समस्या से उपर उठो (1)
- सम्पति और समय (1)
- संसार (1)
- संसार में समय को बहुमूल्य संपदा माना गया हैन (1)
- सही raah (1)
- सात क़ा रहस्य (1)
- साधना शिविर मनाली (1)
- सीखिए (1)
- सीखिए: (1)
- सुख अच्छा लगता है (1)
- सुख और दुःख (1)
- सूचना (1)
- सेवा (1)
- सोते समय मन को (1)
- स्वर्ग नरक (1)
- स्वर्ग नरक भगवान् ने नहीं बनाए (1)
- हम जो संक्षिप्त मार्ग ढ़ूढ़ रहे (1)
- हमारी रचनात्मक (1)
- हमारे कर्म हे उलझन हें (1)
- हमारे जीवन में विचारों की शक्ति (1)
- हमारे जीवन में विचारों की शक्ति का बडा मूल्य है (1)
- हमें अश्रद्धा (1)
- हर दिन नया उपहार लेकर आता (1)
- हर दिन नया उपहार लेकर आता है (1)
- हर भक्त की पुकार अपने सद्गुरुजी (1)
- हर शुभ कार्य प्रारभ करने से पूर्व कठिन प्रतीत होता हे (1)
- हंसी दुखों को दूर (1)
- हाथों से कर्म करने की (1)