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Monday, June 25, 2012
आज का जीवन सूत्र25-6-2012
आज का विचार -22/6/12
From: Praveen Verma
एक पत्थर को तराशने से सुन्दर मूर्ति बन सकती है तो कर्मो के सहारे जिन्दगी को तराशने से बहुत सुन्दर स्वरुप बन सकता है।
A beautiful statue can be created by chiseling or molding a stone. Similarly one's true and beautiful nature can be molded by good deeds.
Humble Devotee
: आज का विचार - 23/6/12
From: Praveen Verma
आपके बोलने का इतना महत्व नहीं है जितना भावनाओं का।
Your words don't have as much magnitude as your feelings.
Humble Devotee
आज का विचार24/6/12
From: Praveen Verma
Life can be blissful and one full of progress and success when life flows between the propriety of conduct. Humble Devotee
Tuesday, June 19, 2012
आज का जीवन सूत्र १९/६/२०१२
Sunday, June 17, 2012
Fwd: [Param Pujya Sudhanshu Ji Maharaj] आज का जीवन सूत्र16-6-2012
From: Madan Gopal Garga <mggarga4@gmail.com>
Date: 2012/6/16
Subject: [Param Pujya Sudhanshu Ji Maharaj] आज का जीवन सूत्र16-6-2012
To: mggarga4@gmail.com
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Posted By Madan Gopal Garga to Param Pujya Sudhanshu Ji Maharaj at 6/16/2012 03:36:00 AM
Saturday, June 16, 2012
आज का जीवन सूत्र16-6-2012
आज का विचार 16/6/12
From: Praveen Verma
In order to live to the fullest, just focus on the positive thoughts, which strengthens the vital force.
Guruji's Amrit Vachan from Manali, India
Friday, June 15, 2012
Fwd: आज का विचार - 6/14/12
From: Praveen Verma <praveenverma@vjmna.org>
Date: 2012/6/15
Subject: आज का विचार - 6/14/12
To: praveenverma@vjmna.org
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Start every day by resolving and promising to yourself that today, which is given by God, you will make every effort to make this a good day.
Guruji's Amrit Vachan from Manali, India
Thursday, June 14, 2012
आज का जीवन सूत्र 15-6-2012
Fwd: आज का विचार - 6/12/12
From: Praveen Verma
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Do and think the best. Every person who starts from a good place is remembered by all.
(Amrit Vachan of Sadguruji from Manali, India)
आज का विचार - 14/6/12
From: Praveen Verma
हर दिन दो चीजों का मेल बनाकर रखिए। कर्म जारी रहे, भक्ति भी जारी रहे।
Each day make sure you dedicate time to devotion and good deeds. It should continue.
Guruji's Amrit Vachan from Manali, India
आज का जीवन सूत्र 14-6-2012
आज का जीवन सूत्र 10-6-2012
Tuesday, June 12, 2012
आज का जीवन सूत्र 12-6-2012
Monday, June 11, 2012
Sunday, June 10, 2012
आज का विचार -9/6/12
From: Praveen Verma
जीवन है चुनौती । नित नई नई चुनौती बनकर सामने आती हैं । जब आप बहादुर होकर चुनौती को स्वीकार करते हैं तो वो कुछ न कुछ देकर ही जाएँगी, कुछ लाभ देंगी । परम पूज्य सुधांशुजी महाराज Life is a challenge. Everyday we face new challenges. When we face a challenge with courage, we benefit from the rewards we reap. Humble Devotee |
आज का विचार - 10/6/12
From: Praveen Verma
संग्रह के रोग को छोडकर भगवान की ओर जाने का प्रयास करें । उसकी कृपा मिल गई तो समझो सबकुछ मिल गया। परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Try to move towards God instead of hoarding onto material things. Once you have HIS grace, you have everything. Humble Devotee |
Saturday, June 9, 2012
आज का जीवन सूत्र 9-6-2012
Friday, June 8, 2012
Fwd: आज का विचार - 6/7/12
From: Praveen Verma
जीवन संगीत है। सुर से बजाओगे तो बहुत अच्छा है, मधुर है और अगर सुर से भूल गए तो शोर है जीवन और उसको खुद भी नहीं सुन पाओगे दूसरे तो क्या सुनेगें । परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Life is filled with music. When the music is in tune, life is melodious and sweet. However, when the music is out of tune it just becomes noise. Humble Devotee |
आज का जीवन सूत्र-७-६-२०१२
Monday, June 4, 2012
आज का जीवन सूत्र-४-५-२०१२
Fwd: [jigyasa aur samadhan] पूज्य गुरुदेव तनाव और अशांति से बचकर सुख -शांति कैसे प्राप्त करें ?
From: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
Date: 2012/6/2
Subject: [jigyasa aur samadhan] पूज्य गुरुदेव तनाव और अशांति से बचकर सुख -शांति कैसे प्राप्त करें ?
To: mggarga@gmail.com
जिज्ञासु :-
पूज्य गुरुदेव तनाव और अशांति से बचकर सुख -शांति कैसे प्राप्त करें ?
महाराजश्री:-
तनाव और अशांति से बचने के लिए सबसे पहले आप स्वएं को नियमित और व्यवस्थित बनाएं !मर्यादित रहें अनुशासन मैं चलें ,आत्म अनुशासन को अपने उपर कायम करें !कैसी भी स्थिति-परिस्थिति हो ,हर हाल मैं खुश रहना सीखें ! 24 घंटे मैं कम से कम कम 24 मिनट परमात्मा के ध्यान -प्रार्थना मैं बिताएं !प्रभु की कृपाओं के लिए धन्यवाद करें !परोपकार का कोई न कोई कार्य जरूर करें ,दिन मैं तीन बार खुलकर हंसे और दूसरों में भी खुशियां बांटें ,इन नियमों को अपनाने से तनाव व अशांति दूर होगी और जीवन मैं सुख शांति आएगी !
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Posted By Madan Gopal Garga to jigyasa aur samadhan at 6/02/2012 03:13:00 PM
Sunday, June 3, 2012
Fwd: [Vardanlok Ashram Mumbai] Param Pujya Shri Sudhanshuji Maharaj ke amrit...
From: Naveen Vig <notification+zvefelze@facebookmail.com>
Date: Sun, Jun 3, 2012 at 8:24 AM
Subject: [Vardanlok Ashram Mumbai] Param Pujya Shri Sudhanshuji Maharaj ke amrit...
To: Vardanlok Ashram Mumbai <vardanlok@groups.facebook.com>
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Friday, June 1, 2012
वह कोनसा जप या पूजा हे जिसमैं न माला
From: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
Date: 2012/5/31
Subject: वह कोनसा जप या पूजा हे जिसमैं न माला
To: mggarga@gmail.com
महाराजश्री:-
जिस पूजन या जप मैं माला ,आसन ,तसवीर और न किसी विधि विधान की जरूरत नहीं होती वह.......................................................
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- इस धरती को अगर रहने के काबिल बनाना चाहते होन (1)
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- कर्म और भाग्य दोनो अलग अलग हें (1)
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- खुशी और कमाई एक दुसरे से जुड़े (1)
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- गलती (1)
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- गुरु (1)
- गुरु का पत्र अपने प्यारों के नाम (1)
- गुरु के प्यारों के आनन्द का पर्व ----"-उल्लास पर्व " समारोह २०११ (1)
- गुरु को संभाल लो तो गोविन्द भी (1)
- गुरु को संभाल लो तो गोविन्दअमृतवाणी (1)
- गुरु जी बाग़ से बैठे हुए (1)
- गुरु ज्ञान की गंगा (1)
- गुरु ज्ञान वाटिका के पुष्प (1)
- गुरु ज्ञान-वाटिका के सुन्दर सुमन (1)
- गुरु मंत्र (1)
- गुरु वाणी (1)
- गुरु सन्देश उठो (1)
- गुरु सुख का बहता (1)
- गुरुजनों का सदैव सम्मान करें (1)
- गुरुदेव -गुरुमां के ग्रहस्थ प्रवेश (1)
- गुरुदेव जीवन में सात्विक भाव जगाने के लिए क्या क... (1)
- गुरुदेव धर्म के पथ पर चलने का सदेश सभी देते हें (1)
- गुरुपूर्णिमा महोत्सव के देशव्यापी कार्यकर्म (1)
- गुरुवाणी (1)
- गुरुवाणी २७-४-२०१२ (1)
- गृहस्थ आश्रम के ३१ वर्ष सम्पन्न होने पर बधाई (1)
- घर पर आये अतिथि का स्वागत करना (1)
- घृणा को प्रेम से और (1)
- चकोर को चैन मिलता है (1)
- चार चीज याद रखो (1)
- चिंतन (1)
- चिंता (1)
- चिंता को चबा लेना नहीं तो (1)
- चिंता से चिंतन की (1)
- चिंता से चिंतन की और (1)
- चित्त एक सरोवर (1)
- जग (1)
- जन्म देने वाले मालिक (1)
- जब आपके पास सही विचार हैं (1)
- जब कभी संकट की बेला (1)
- जब जीवन मैं (1)
- जब तक आदर्श विचारों में (1)
- जब भी बोलो यह सोच के बोलो (1)
- जब मन में सन्तुष्टी हो (1)
- जब संसार की वासनाओं का (1)
- जब हम कर्म के फल की कामना (1)
- जहां भी त्याग की भावना (1)
- जहाँ विराटता की थोड़ी-सी भी (1)
- जागो (1)
- जिज्ञासा प्रारंभ में परमात्मा ने हमको दी णी (1)
- जिज्ञासु :-गुरुदेव जब भी भक्ति मैं बैठता हूँ तो मन. (1)
- जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के (1)
- जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : साधारण जीवन में परमात्म (1)
- जिंदगी (1)
- जिंदगी के हर मोड़ पर काम आने वाली (1)
- जिंदगी को (1)
- ज़िन्दगी के पन्ने पर कुछ ऐसा लिख जा (1)
- जिन्दगी के प्रत्येक कर्म (1)
- जिन्दगी को ऐक खेल बनाओ (1)
- जिन्दगी वक्त के रूप (1)
- जिस समय तुम संसार में उलझ (1)
- जिसके पास धैर्य है (1)
- जिसमें संतुलन है उसके अन्दर प्रसन्नता है (1)
- जीना मरना (1)
- जीने की समझ (1)
- जीभ (1)
- जीवन (1)
- जीवन की दिशा बदल (1)
- जीवन की दौड़ मैं गिरना बुरी आदत नहीं (1)
- जीवन की वाटिका (1)
- जीवन की सम्पूर्णता है आनन्द (1)
- जीवन के लिए तीन चीजें जरुरी हैं (1)
- जीवन जीने की अनुपम विधा है (1)
- जीवन में जरुरी (1)
- जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध (1)
- जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध को (1)
- जीवन में श्रेष्ठ को जान (1)
- जीवन में सब तरह के रंग (1)
- जीवन रुपी रस्सी को नाव से खोलोगे (1)
- जीवन संगीत (1)
- जीवन स्वर्ण से नहीं खरीदा जा सकता (1)
- जुआ (1)
- जुआ सुख (1)
- जैसे आँखों में मोतियाबिंद (1)
- जैसे दिन को सजाता है (1)
- जैसे भेड़ों का झुंड चलता है (1)
- जैसे सोना अग्नि में पड़कर (1)
- जो आज वर्तमान है (2)
- जो तुम्हारे पास नहीं (1)
- जो परम तत्त्व हमारे अंतर में बसा हुआ है (2)
- जो बीत गया सो बीत गया (1)
- जो भी रोजी रोटी कमाने का रास्ता (1)
- ज्ञानोदय (1)
- झूंट (1)
- तप से (1)
- तीर्थ आपके अदंर हें (1)
- तू-तू (1)
- त्याग कारो तृष्णा का (1)
- दया धर्म का मूल हे (1)
- दिया (1)
- दिया जला नहीं सकते (1)
- दिया जला नहीं सकते तो (1)
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- दुःख की लकीरे मन को दबाने लगे तो (1)
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- दूसरों को चोट पहुँचाने (1)
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- भगवान के सामने जब बेठो तो हाथ जोड़कर विनम्रता (1)
- भगवान गीता में कहते हें (1)
- भगवान ने आपको दुनियाँ के लाखों (1)
- भगवान वही देता है जो उचित (1)
- भगवान् की भक्ति (2)
- भय (1)
- भविष्य जानने की कोशिश मत करो (1)
- भविष्य परमात्मा के हाथ में है (1)
- भाग्य आपको परिस्थितियॉ देता (1)
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- मगर जिसे मिलता है गुरु का प्यार (1)
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- मन की शान्ति के लिए (भाग -१ ) (1)
- मन की शान्ति के लिए (भाग -२) (1)
- मन के कोरे (1)
- मन प्रभु (1)
- मननहीं बदला जाए (1)
- मनुष्य की प्रत्येक इन्द्रिय का अपना धर्म है (1)
- मनुष्य के जीवन में सबसे पहले यह (1)
- मनुष्य विचारों से ही (1)
- मन्त्र (1)
- महानता (1)
- महाराजश्री के (1)
- महाराजश्री के आगामी कार्यक्रम (1)
- महिमा (1)
- महीने में कम से कम एक दिन (1)
- माथे पर बरफ (1)
- माया (1)
- माहारज श्री के अहमदाबद् के प्रवचन का सीधा प्रसारण (1)
- मित्रता (1)
- मुर्ख (1)
- मुशकिल (1)
- मुस्कराने से खुशियां आपके आस पास (1)
- मूँगफली दी खुशबु ते गुड़ दी मिठास (1)
- मूर्खता चोट (1)
- में-में की लड़ाई से कैसे बचें (1)
- यदि किसी को कुछ दे दिया (1)
- यह जीवन छुरे (1)
- याद रखिए अगर भय है (1)
- रक्षा करो प्रेम (1)
- रहने का तरीका (1)
- राख को तो चीं (1)
- रोज यह सोचो की (1)
- लक्ष्य (1)
- लड़ाई (1)
- लापरवाही (1)
- लालच (1)
- वह इंसान महान है जो अपने नियम और मर्यादा (1)
- वहा ये बात प्रमुख हे कि.... (1)
- वाणी मैं अनर्थ (1)
- विद्यार्थियों के लिए धर्म का सूत्र (1)
- विद्यार्थियों के लिए धर्म के सूत्र (1)
- विपरीत समय में दुनिया (1)
- विराट सत्संग उल्ल्हासनगर (1)
- विराट भक्ति सत्संग (1)
- विराट भक्ति सत्संग् (1)
- विराटता (1)
- विश्वास (1)
- वे माता पिता अपनी (1)
- वेद (1)
- शांत मस्तिष्क ही सही (1)
- शान्ति (1)
- शान्ति एव सौहार्द की प्रतिमूर्ति हैं सदगुरु (1)
- शिव जी की प्रार्थना (1)
- शिवजी के १०८ नाम (1)
- शुभ कर्म (1)
- शुभ का स्वागत करो (1)
- श्री गणपति भगवान (1)
- सज्जनता (1)
- सत्कर्म (1)
- सत्संग और स्वाध्याय (1)
- सदगुरु की अमृत वाणी (1)
- सदगुरु के अनमोल बोल (1)
- सदगुरु चालीसा (1)
- सन्तान कौन सी अच्छी है (1)
- सफ़र (1)
- सफ़लता के मार्ग पर (1)
- सफलता यात्रा हे लक्ष्य (1)
- सब कुछ खो जाए (2)
- सबसे उपयुक्त समय ----- (1)
- सबसे बड़ा प्रेरक मनु (1)
- सभ्यता (1)
- समस्या को पहले समझो (1)
- समस्या से उपर उठो (1)
- सम्पति और समय (1)
- संसार (1)
- संसार में समय को बहुमूल्य संपदा माना गया हैन (1)
- सही raah (1)
- सात क़ा रहस्य (1)
- साधना शिविर मनाली (1)
- सीखिए (1)
- सीखिए: (1)
- सुख अच्छा लगता है (1)
- सुख और दुःख (1)
- सूचना (1)
- सेवा (1)
- सोते समय मन को (1)
- स्वर्ग नरक (1)
- स्वर्ग नरक भगवान् ने नहीं बनाए (1)
- हम जो संक्षिप्त मार्ग ढ़ूढ़ रहे (1)
- हमारी रचनात्मक (1)
- हमारे कर्म हे उलझन हें (1)
- हमारे जीवन में विचारों की शक्ति (1)
- हमारे जीवन में विचारों की शक्ति का बडा मूल्य है (1)
- हमें अश्रद्धा (1)
- हर दिन नया उपहार लेकर आता (1)
- हर दिन नया उपहार लेकर आता है (1)
- हर भक्त की पुकार अपने सद्गुरुजी (1)
- हर शुभ कार्य प्रारभ करने से पूर्व कठिन प्रतीत होता हे (1)
- हंसी दुखों को दूर (1)
- हाथों से कर्म करने की (1)