disciple of Sudhanshuji Maharaj
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Sunday, September 30, 2012
Friday, September 28, 2012
ईश्वर की भक्ति आराधना से इन्सान
Vinod Rohila Vjm | 2:39pm Sep 27 |
ईश्वर की भक्ति आराधना से इन्सान के अन्तर्मन में दिव्या शक्तिओ का उदय .........
Wednesday, September 26, 2012
" Golden 7 "
|
Tuesday, September 25, 2012
एकता में बहुत बड़ी शक्ति होती हे
Vinod Rohila Vjm | 10:57am Sep 24 |
एकता में बहुत बड़ी शक्ति होती हे , अलग अलग बिखरे हुए तिनके खुद में..
Wednesday, September 19, 2012
आज का जीवन सूत्र १९-९-१२
आज का विचार - 9/9/12
From: Praveen Verma
विनम्रता व्यक्ति की शक्ति है। विनम्रता में इतनी शक्ति है कि सामने वाला वशीभूत हो जाए।
A person's strength is humility. Humility has so much power that it can magnetize others to you.
Humble Devotee
आज का विचार - 9/10/12
From: Praveen Verma
सही राय देने वाले और सही सोच पैदा करने वाले जो भी दुनिया में काम कर रहे हैं वो धर्म कर रहे हैं।
Those that are giving proper advice and putting forth proper thoughts are doing religious duty.
Humble Devotee
आज का विचार - 9/17/12
From: Praveen Verma
किसी विचार या भावना को अपने सामने लिखकर के रखो हर समय, और उससे प्रेरणा लेते रहो।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Write an inspirational quote or saying and place it visibly in front of you and take inspiration from it.
Humble Devotee
आज का विचार - 9/18/12
From: Praveen Verma
फ़ूल थोड़ी दूर तक सुगन्धित करते हैं लेकिन विचारों के गुलाब तो आपके अन्तःकरण से लेकर पूरे समाज को सुगन्धित किया करते हैं ।
इसलिए विचारों को सम्भालिए।
The fragrance of flowers can be smelled at a certain distance; but the aroma from thoughts as pure and beautiful as roses can be felt from your inside to the whole society. That is why these thoughts should be preserved.
Monday, September 17, 2012
आज का जीवन सूत्र १७-९-१२
Sunday, September 16, 2012
व्यक्ति दुखी कैसे और क्यों रहता है चोथा कारण असंतुष्टी
From: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
Date: 2012/9/13
Subject: [AMRIT VANI] व्यक्ति दुखी कैसे और क्यों रहता है (३)क्रोध
To: mggarga@gmail.com
Saturday, September 15, 2012
Fwd: [VISHWA JAGRITI MISSION] Please read this...
From: Sumiti Gupta Vjm
|
Friday, September 14, 2012
Thursday, September 13, 2012
व्यक्ति दुखी कैसे और क्यों रहता है (३)क्रोध
Wednesday, September 12, 2012
सद गुरु की अमृत वाणी - 053 -** विशव जाग्रति मिशन **
From: Vinod Rohila Vjm
|
Tuesday, September 11, 2012
व्यक्ति दुखी कैसे और क्यों रहता है(२ )घृणा
व्यक्ति दुखी कैसे और क्यों रहता है ?
--
Madan Gopal Garga द्वारा AMRIT VANI के लिए 9/10/2012 10:49:00 am को पोस्ट किया गया
Monday, September 10, 2012
व्यक्ति दुखी कैसे और क्यों रहता है
Sunday, September 9, 2012
गुरुवर क़ा शुभ आशीर्वाद
Saturday, September 8, 2012
वह घर स्वर्ग सामान है जिसमें -
mom dad
Plz read with heart.
(Mom & DAD) ka Paigaam..
1. Jis Din Tum Hame Budha Dekho Tab
Sabar Karna Aur Hame Samajhne Ki Koshish Karna.
2. Jab Hum Koi BaatBhool Jaaye Toh Hum Par ghussa Na Karna Aur Apna Bachpann Yaad Karna.
3. Jab Hum Budhe Hokar Chal Na Paaye Toh Hamara Sahara Banna Aur Apna Pehla QadamYaad Karna.
4. Jab Hum Beemar Hojaaye Toh Woh Din Yaad Karke Hum Par Apne Paise Kharch Karna Jab Hum Tumhari Khawaishen Puri Karne Ke Liye Apni Khawaishen Qurbaan Karte The.
Plzzz share this Beautiful message with everyone.
And Respect Ur Parents..GE
2. Jab Hum Koi BaatBhool Jaaye Toh Hum Par ghussa Na Karna Aur Apna Bachpann Yaad Karna.
3. Jab Hum Budhe Hokar Chal Na Paaye Toh Hamara Sahara Banna Aur Apna Pehla QadamYaad Karna.
4. Jab Hum Beemar Hojaaye Toh Woh Din Yaad Karke Hum Par Apne Paise Kharch Karna Jab Hum Tumhari Khawaishen Puri Karne Ke Liye Apni Khawaishen Qurbaan Karte The.
Plzzz share this Beautiful message with everyone.
And Respect Ur Parents..GE
Friday, September 7, 2012
गुरु सद्ज्ञान का
गुरु सद्ज्ञान का सागर होता है..सदगुरु अपने जीवन को तप,,त्याग,,स्वाध्याय और संयम में सुशोभित करते हैं..ऐसे अनमोल जीवन में जो अनुभूति होती है,,वे उस अनुभव के सार को अभिव्यक्त करते हुए शिष्यों को जीवन--सूत्र देते हैं..इसलिए तो सदगुरु द्वारा मुखरित वाक्य महावाक्य बन जाता है..संत के द्वारा व्यक्त मन्त्र--महामंत्र बन जाता है,,जो युगों--युगों तक इंसान की प्रेरणा बनकर उसे जागृति प्रदान करता है..सुधांशुजी महाराज
Monday, September 3, 2012
आज का विचार - 8/31/12
From: Praveen Verma
सीखिए, जानिए, समझिए । प्रकृति आपको सिखाना चाहती है।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Learn, comprehend and understand. Nature wants to teach you.
Humble Devotee
आज का विचार - 9/1/12
From: Praveen Verma
पहले नियम बनाओ, फ़िर नियमों को अपनाओ, अथक परिश्रम और पुरुषार्थ से सफ़लता की कहानी लिखो।
Make some rules for yourself and then follow those rules. Achieve success with untiring efforts and hard work.
Humble Devotee
आज का विचार - 9/2/12
From: Praveen Verma
हम जो कुछ भी हैं जीवन में, अपने निर्णय के कारण हैं।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज Whatever we are in life, it is because of the decisions we make. |
Sunday, September 2, 2012
आज का जीवन सूत्र २-९-१२
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- अमृत वाणी (1)
- अमृतवाणी (1)
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- आज अध्यात्म की (1)
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- आज का काम भलीभान्ति (1)
- आज का काम भलीभान्ति पूरा (2)
- आज का गुरु संदेश 1-7-13-किसी ने सच कहा है (1)
- आज का गुरु संदेश 10-7-13-बड़े से बड़े संकट मैं (1)
- आज का गुरु संदेश 26-6-2013---आपका वास्तविक रूप (1)
- आज का गुरु संदेश 27-6-2013-जो दिन बीत (1)
- आज का गुरु संदेश 4-7-13 (1)
- आज का गुरु संदेश 5-7-13-फूल बन कर (2)
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- आज का गुरु संदेश9-7-13-मनुष्य की आदत है (1)
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- आनंद (1)
- आनंद धाम (1)
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- आपका वास्तविक रूप है (1)
- आपके द्वारा जितने लोग दुनिया में अच्छाई पर चलते जायेंगे (1)
- आशंकायें तरह (1)
- आस्तिक इंसान वो है जो (1)
- इस धरती को अगर रहने के काबिल बनाना चाहते हो (1)
- इस धरती को अगर रहने के काबिल बनाना चाहते होन (1)
- इंसान की व्यवस्थायें बहुत अच्छी हो सकती हैं (1)
- इंसान पदार्थो का बहुत महत्व मानने लग जाता है (1)
- उपयोगी बातें (1)
- उपासना (1)
- उलझन (1)
- उलझाना (1)
- कई कार्य एक साथ (1)
- कड़वाहट (1)
- कभी अपने आपसे भी मिलो बड़ा (1)
- कभी कम होने मत देना (1)
- कमी निकालना (1)
- कर्ण कौन सा श्रेष्ट है ? (1)
- कर्म (1)
- कर्म और भाग्य दोनो (1)
- कर्म और भाग्य दोनो अलग अलग हें (1)
- कानून (1)
- कार्य (1)
- काल (समय) जब अपने (1)
- किसी महान पुरुष के वचन (1)
- कुछ उदबोधन और जागृति के अक्षर (1)
- कौन हे ? (1)
- कौन है ? (1)
- क्रोध (2)
- क्रोधी व्यक्ति अपने (1)
- क्षमा (1)
- खुश रहना (1)
- खुश रहो (1)
- खुशबू (1)
- खुशियों हमेशा बूँदों की तरह बरसती हैं (1)
- खुशी (1)
- खुशी और कमाई एक दुसरे से जुड़े (1)
- गणेश महालक्ष्मी महायागा 2008 (1)
- गलती (1)
- गीता (1)
- गुरु (1)
- गुरु का पत्र अपने प्यारों के नाम (1)
- गुरु के प्यारों के आनन्द का पर्व ----"-उल्लास पर्व " समारोह २०११ (1)
- गुरु को संभाल लो तो गोविन्द भी (1)
- गुरु को संभाल लो तो गोविन्दअमृतवाणी (1)
- गुरु जी बाग़ से बैठे हुए (1)
- गुरु ज्ञान की गंगा (1)
- गुरु ज्ञान वाटिका के पुष्प (1)
- गुरु ज्ञान-वाटिका के सुन्दर सुमन (1)
- गुरु मंत्र (1)
- गुरु वाणी (1)
- गुरु सन्देश उठो (1)
- गुरु सुख का बहता (1)
- गुरुजनों का सदैव सम्मान करें (1)
- गुरुदेव -गुरुमां के ग्रहस्थ प्रवेश (1)
- गुरुदेव जीवन में सात्विक भाव जगाने के लिए क्या क... (1)
- गुरुदेव धर्म के पथ पर चलने का सदेश सभी देते हें (1)
- गुरुपूर्णिमा महोत्सव के देशव्यापी कार्यकर्म (1)
- गुरुवाणी (1)
- गुरुवाणी २७-४-२०१२ (1)
- गृहस्थ आश्रम के ३१ वर्ष सम्पन्न होने पर बधाई (1)
- घर पर आये अतिथि का स्वागत करना (1)
- घृणा को प्रेम से और (1)
- चकोर को चैन मिलता है (1)
- चार चीज याद रखो (1)
- चिंतन (1)
- चिंता (1)
- चिंता को चबा लेना नहीं तो (1)
- चिंता से चिंतन की (1)
- चिंता से चिंतन की और (1)
- चित्त एक सरोवर (1)
- जग (1)
- जन्म देने वाले मालिक (1)
- जब आपके पास सही विचार हैं (1)
- जब कभी संकट की बेला (1)
- जब जीवन मैं (1)
- जब तक आदर्श विचारों में (1)
- जब भी बोलो यह सोच के बोलो (1)
- जब मन में सन्तुष्टी हो (1)
- जब संसार की वासनाओं का (1)
- जब हम कर्म के फल की कामना (1)
- जहां भी त्याग की भावना (1)
- जहाँ विराटता की थोड़ी-सी भी (1)
- जागो (1)
- जिज्ञासा प्रारंभ में परमात्मा ने हमको दी णी (1)
- जिज्ञासु :-गुरुदेव जब भी भक्ति मैं बैठता हूँ तो मन. (1)
- जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के (1)
- जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : साधारण जीवन में परमात्म (1)
- जिंदगी (1)
- जिंदगी के हर मोड़ पर काम आने वाली (1)
- जिंदगी को (1)
- ज़िन्दगी के पन्ने पर कुछ ऐसा लिख जा (1)
- जिन्दगी के प्रत्येक कर्म (1)
- जिन्दगी को ऐक खेल बनाओ (1)
- जिन्दगी वक्त के रूप (1)
- जिस समय तुम संसार में उलझ (1)
- जिसके पास धैर्य है (1)
- जिसमें संतुलन है उसके अन्दर प्रसन्नता है (1)
- जीना मरना (1)
- जीने की समझ (1)
- जीभ (1)
- जीवन (1)
- जीवन की दिशा बदल (1)
- जीवन की दौड़ मैं गिरना बुरी आदत नहीं (1)
- जीवन की वाटिका (1)
- जीवन की सम्पूर्णता है आनन्द (1)
- जीवन के लिए तीन चीजें जरुरी हैं (1)
- जीवन जीने की अनुपम विधा है (1)
- जीवन में जरुरी (1)
- जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध (1)
- जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध को (1)
- जीवन में श्रेष्ठ को जान (1)
- जीवन में सब तरह के रंग (1)
- जीवन रुपी रस्सी को नाव से खोलोगे (1)
- जीवन संगीत (1)
- जीवन स्वर्ण से नहीं खरीदा जा सकता (1)
- जुआ (1)
- जुआ सुख (1)
- जैसे आँखों में मोतियाबिंद (1)
- जैसे दिन को सजाता है (1)
- जैसे भेड़ों का झुंड चलता है (1)
- जैसे सोना अग्नि में पड़कर (1)
- जो आज वर्तमान है (2)
- जो तुम्हारे पास नहीं (1)
- जो परम तत्त्व हमारे अंतर में बसा हुआ है (2)
- जो बीत गया सो बीत गया (1)
- जो भी रोजी रोटी कमाने का रास्ता (1)
- ज्ञानोदय (1)
- झूंट (1)
- तप से (1)
- तीर्थ आपके अदंर हें (1)
- तू-तू (1)
- त्याग कारो तृष्णा का (1)
- दया धर्म का मूल हे (1)
- दिया (1)
- दिया जला नहीं सकते (1)
- दिया जला नहीं सकते तो (1)
- दुःख -सुख (1)
- दुःख की लकीरे मन को दबाने लगे तो (1)
- दुनिया की आँखों में धूल (1)
- दुनिया की पुरानी रीत (1)
- दुनिया में जहाँ विनम्रता से कार्य (1)
- दुनिया में भगवान को चाहने वाले कम हे... (1)
- दुर्भाग्य (1)
- दूर की दर्ष्टि रखना जीवन एक महान गुण हे (1)
- दूसरों के दोष ढूंढने में अपनी शक्ति (1)
- दूसरों को चोट पहुँचाने (1)
- दोष (1)
- द्रढ निश्चय (1)
- द्वंद (1)
- धन (1)
- धन -ज्ञान (1)
- धन मिल भी जाए तो (1)
- धन साधन हें साध्य नहीं (1)
- धन्यवाद (1)
- धर्म (3)
- धर्म की कसौटी (1)
- धेर्य बहुत बड़ा गुण हे (1)
- न अत्याचार करो न (1)
- न तो संसार मैं (1)
- नया आ रहा है (1)
- नववर्ष के स्वागतार्थ सदगुरु की सदप्रेरणा (1)
- निचे न गिरें (1)
- निराश (1)
- पंछी कभी संग्रह नहीं करते (1)
- परम उद्देश्य (1)
- परमात्मा (1)
- परमात्मा की कृपा सहज ही कैसे होती हैं (1)
- परमात्मा के निमित आप कोई भी कार्य करे (1)
- परिवरतन (1)
- परिस्थितियाँ (1)
- पानी (1)
- पाया है तो (1)
- पारस मणी (1)
- पुण्यरूपी हाथ कौन सा हे ? (1)
- पुरान (1)
- पूज्य महाराजश्री के आगामी कार्यक्रम (अप्रैल २००९ में ) (1)
- पूज्य श्री के मई ०९ के कार्यक्रम (1)
- पूज्य श्री सुधांशुजी महाराज का विनम्र निवेदन (1)
- पूज्यश्री के आगामी कार्यक्रम (1)
- पैसा (1)
- पैसे से आप (1)
- प्रकृति का नियम है कि (1)
- प्रत्येक इन्द्रिय का अपना धर्म है (1)
- प्रथ्वी (1)
- प्रभु की भक्ति (1)
- प्रसन्न रहने का स्वभाव बनाओ (1)
- प्रसन्न रहने के (1)
- प्रार्थना (1)
- प्रार्थना का मतलब हें धन्यवाद करना (1)
- प्रार्थना का मतलब हें धन्यवाद करना और (1)
- प्रेम (1)
- बहस करते करते वहाँ मत पहुँचो (1)
- बहादुर (1)
- बहार की रौशनी के भ्रम में अन्दर के उजाले को मत भूलो (1)
- बहिर्मुख वृति आपकी बनी हुई है (1)
- बाल्यकाल (1)
- बुद्धि और मन (1)
- बुरा (1)
- बृद्धों को चाहिए कि ज्यादा बोलने से बचें (1)
- बोध कथाएँ (1)
- बोलना (1)
- भक्ति (1)
- भक्ति करने के लिये कहां से प्रारम्भ करें (1)
- भगवन (1)
- भगवान का निय (1)
- भगवान की पूजा-प्रार्थना इस (1)
- भगवान के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए प्रयोग किये गए शब्द प्रार्थना हे (1)
- भगवान के सामने जब बेठो तो हाथ जोड़कर विनम्रता (1)
- भगवान गीता में कहते हें (1)
- भगवान ने आपको दुनियाँ के लाखों (1)
- भगवान वही देता है जो उचित (1)
- भगवान् की भक्ति (2)
- भय (1)
- भविष्य जानने की कोशिश मत करो (1)
- भविष्य परमात्मा के हाथ में है (1)
- भाग्य आपको परिस्थितियॉ देता (1)
- भाग्य क्या है ? (1)
- भावनायें (1)
- भूल होना (1)
- भोगना (1)
- मगर जिसे मिलता है गुरु का प्यार (1)
- मन (1)
- मन की शान्ति (भाग -३ ) (1)
- मन की शान्ति के लिए (भाग -१ ) (1)
- मन की शान्ति के लिए (भाग -२) (1)
- मन के कोरे (1)
- मन प्रभु (1)
- मननहीं बदला जाए (1)
- मनुष्य की प्रत्येक इन्द्रिय का अपना धर्म है (1)
- मनुष्य के जीवन में सबसे पहले यह (1)
- मनुष्य विचारों से ही (1)
- मन्त्र (1)
- महानता (1)
- महाराजश्री के (1)
- महाराजश्री के आगामी कार्यक्रम (1)
- महिमा (1)
- महीने में कम से कम एक दिन (1)
- माथे पर बरफ (1)
- माया (1)
- माहारज श्री के अहमदाबद् के प्रवचन का सीधा प्रसारण (1)
- मित्रता (1)
- मुर्ख (1)
- मुशकिल (1)
- मुस्कराने से खुशियां आपके आस पास (1)
- मूँगफली दी खुशबु ते गुड़ दी मिठास (1)
- मूर्खता चोट (1)
- में-में की लड़ाई से कैसे बचें (1)
- यदि किसी को कुछ दे दिया (1)
- यह जीवन छुरे (1)
- याद रखिए अगर भय है (1)
- रक्षा करो प्रेम (1)
- रहने का तरीका (1)
- राख को तो चीं (1)
- रोज यह सोचो की (1)
- लक्ष्य (1)
- लड़ाई (1)
- लापरवाही (1)
- लालच (1)
- वह इंसान महान है जो अपने नियम और मर्यादा (1)
- वहा ये बात प्रमुख हे कि.... (1)
- वाणी मैं अनर्थ (1)
- विद्यार्थियों के लिए धर्म का सूत्र (1)
- विद्यार्थियों के लिए धर्म के सूत्र (1)
- विपरीत समय में दुनिया (1)
- विराट सत्संग उल्ल्हासनगर (1)
- विराट भक्ति सत्संग (1)
- विराट भक्ति सत्संग् (1)
- विराटता (1)
- विश्वास (1)
- वे माता पिता अपनी (1)
- वेद (1)
- शांत मस्तिष्क ही सही (1)
- शान्ति (1)
- शान्ति एव सौहार्द की प्रतिमूर्ति हैं सदगुरु (1)
- शिव जी की प्रार्थना (1)
- शिवजी के १०८ नाम (1)
- शुभ कर्म (1)
- शुभ का स्वागत करो (1)
- श्री गणपति भगवान (1)
- सज्जनता (1)
- सत्कर्म (1)
- सत्संग और स्वाध्याय (1)
- सदगुरु की अमृत वाणी (1)
- सदगुरु के अनमोल बोल (1)
- सदगुरु चालीसा (1)
- सन्तान कौन सी अच्छी है (1)
- सफ़र (1)
- सफ़लता के मार्ग पर (1)
- सफलता यात्रा हे लक्ष्य (1)
- सब कुछ खो जाए (2)
- सबसे उपयुक्त समय ----- (1)
- सबसे बड़ा प्रेरक मनु (1)
- सभ्यता (1)
- समस्या को पहले समझो (1)
- समस्या से उपर उठो (1)
- सम्पति और समय (1)
- संसार (1)
- संसार में समय को बहुमूल्य संपदा माना गया हैन (1)
- सही raah (1)
- सात क़ा रहस्य (1)
- साधना शिविर मनाली (1)
- सीखिए (1)
- सीखिए: (1)
- सुख अच्छा लगता है (1)
- सुख और दुःख (1)
- सूचना (1)
- सेवा (1)
- सोते समय मन को (1)
- स्वर्ग नरक (1)
- स्वर्ग नरक भगवान् ने नहीं बनाए (1)
- हम जो संक्षिप्त मार्ग ढ़ूढ़ रहे (1)
- हमारी रचनात्मक (1)
- हमारे कर्म हे उलझन हें (1)
- हमारे जीवन में विचारों की शक्ति (1)
- हमारे जीवन में विचारों की शक्ति का बडा मूल्य है (1)
- हमें अश्रद्धा (1)
- हर दिन नया उपहार लेकर आता (1)
- हर दिन नया उपहार लेकर आता है (1)
- हर भक्त की पुकार अपने सद्गुरुजी (1)
- हर शुभ कार्य प्रारभ करने से पूर्व कठिन प्रतीत होता हे (1)
- हंसी दुखों को दूर (1)
- हाथों से कर्म करने की (1)