🌹 *प्रार्थना*🌹
*हे प्रभु ! मुझे इस लायक बना के रखना की यह तन और मन जिंदगी में आखिरी समय तक सेवा करने के लायक बना रहे।*
तू इस योग्य बनाकर रखना की मेरी यह वाणी आखिरी क्षण तक तेरा नाम जप कर सके और तेरी सेवा में लगी रहे। तेरे प्रतिनिधियों के लिए दो अच्छे शब्द कह सके। हे प्रभु ! मेरे हाथ सहयोग के लिए सदा उठते रहे। मेरे हाथ जीवन के अंतिम समय तक दान देने के लिए उठते रहे।
इन पावों में इतनी शक्ति देना की जहाँ पर तेरे नाम की चर्चा होती है वहां चलते रहे। इतना विवश न हो जाऊं की तेरी ओर कदम न बढ़ सके, आँखों में इतनी शक्ति देना की तेरे मंदिर में जाकर तेरे स्वरुप का दर्शन कर सकूँ जिनके साथ बैठने से तेरे संग का रंग लगता है उनकी संगती में बैठ सकूँ, ऐसा आशीर्वाद प्रदान करें।
हे जगत के आधार ! सत्चिदानन्द स्वरुप ! हे प्रभु ! मै आपको बार बार प्रणाम करता हूँ, अनेक-अनेक, अनन्त-अनन्त, असीम अनुकम्पा के लिए प्रभु आपको नमस्कार करता हूँ।
हे प्रभु मेरा प्रणाम स्वीकार कीजिये। मै सदैव आपके शरण में रहूँ, आपकी महिमा, व्यवस्था आपके द्वारा बनाए नियम, आपका कानून और आपका प्रसाद जी भी मुझे मिले।
मै हर किसी वस्तु में और आपके दिए गए हर उपहार को श्रद्धापूर्वक स्वीकार करने वाला बनू, बार बार हर वस्तु को आपका प्रसाद मानूं। हर स्थिति को आपकी कृपा मानु। जैसी भी परीक्षा की घडी में रखो उस परीक्षा में आगे निकलने में मै आपका सहारा मांगता रहूँ। अन्दर से विनम्र बनकर आपके सामने सर झुकाता रहूँ।
*श्रद्धा भाव से मेरा माथा आपके श्रीचरणों में झुकता रहे। मेरा प्रणाम स्वीकार करो प्रभु।*
*ॐ शांतिः शांतिः शांतिः*🌹