- BECOME MEMBER OF ANAND DHAM FORMS AVAILABLE ON THIS साईट
नम्बर ४२२
समाज को हवनकुंड मानकर उसमें अपने सत्कर्मों की आहुति दो ! वे सत्कर्म कई गुना
बढ्कर आपके पास आयेंगे और आपको सुख देंगे !
दुर्वचन खोटे सिक्के की तरह हैं, वह तो वापस बोलने वाले के पास ही आ जाता है !
पूज्य सुधांशुजी महाराज्
--
Posted By Madan Gopal Garga to Anand Dhamm Mumbai Maharashtra at 2/04/2009 05:32:00 AM
No comments:
Post a Comment