प्रार्थना
- "प्रार्थना का मतलब हें धन्यवाद करना और उस प्रभु में अटूट विश्वास रखना। प्रार्थना में उसकी कृपा माँगिए, संसारिक वस्तुओं की सूची बनाकर उसके सामने मत रखें। वह कृपा करे तो बिन मँगे बहुत कुछ देता हें"।
परम पूज्य सुधाशुंजी महाराज
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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 5/26/2009 05:03:00 AM
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