आदमी क्या हे
- "आदमी का जिस्म है क्या, जिस पर शैदा है जहाँ ,
एक मिट्टी की इमारत , एक मिट्टी का मकां,
खून का गारा बना ,ईंट जिसमें हड्डियाँ ,
चंद शवासों पर खडा हे यह खयाले आशियां ,
मौत की पुर जोर आँधी जब इससे टकरायगी ,
देख लेना यह इमारत खाक में मिल जायेगी " - संग्रह करता राज गर्ग
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