उलझन
जिस समय तुम संसार में उलझ जाओ या परेशान हो जाओ ,अपने हृदय मन्दिर की संवेदना जगाते हुए हृद्य में बैठे भगवान का ध्यान करते हुए उसी से प्रार्थना करो कि हे भगवान ,मुझे रास्ता दिखाओ !आवेश में उलझ न जाऊँ !आवेश में अपने आपको गिराना नही हे ! होश में सोच समझकर शांत रहते हुए जीवन की समस्याओंको सुलझाना हे !आवेश में आयेंगे तो क्रोध का राक्षस शक्तिशाली हो जायेगा और बुधि विवेक नष्ट कर देगा !
पूज्य सुधान्शुजी महाराज के प्रवचनांश
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