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Sunday, November 14, 2010
REVISED MUMBAI SATSANG PROGRAMME
आज का काम भलीभान्ति पूरा
आज का काम भलीभान्ति पूरा करने के अलावा बाकी समस्त महत्वाकांक्षाओं को त्याग दो। सफ़लता के मार्ग पर चलने वाले वर्तमान में जीते हैं वे कल की नहीं सोचते। आपके हाथ में जो समय है उसे सँभालना है। जो बीत गया है उसकी बात नहीं करना।
परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज
Give up all aspirations, except fulfilling today's goals and duties well. People who are on the way to success live in the present and do not fixate about tomorrow. Safeguard the time you have in your hands. Do not talk or ruminate about the past - that time is gone.
Translated By Humble Devotee
Praveen Verma
आज का काम भलीभान्ति पूरा
दौड़ने से पहले रुकिए, रुककर सोचिए, ठहरिए। उसके बाद अपनी दौड़ जारी रखो। समस्या को पहले समझो, प्यार से समझो, समझने में थोड़ा समय लगा दो। ठीक से समस्या समझ में आ गई फ़िर झूझना शुरु कीजिए। उलझे हुए धागे हैं आपने उनके लिए जो भी ताकत लगानी है, लगाना लेकिन पहले समझ तो लो कि उलझे कहाँ है ? अगर ठीक समस्या समझ लो तो ज्यादा यत्न की जरूरत नहीं होती। इस समझ की बहुत कीमत है।
परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज
Stop before you run; pause and think. Then continue to run. It is important to stop before you go and understand the problem. Spend some time understanding the problem. When you fully understand the problem, then go and start to act.
When yarn gets entangled, do your best to untangle the yarn. However, first try and understand how and at what point did the yarn become tangled. When a problem is fully understood, then not a lot of effort is required to fix it. Thus, there is much value in taking the time to fully understanding a problem.
Translated by Humble Devotee
Praveen Verma
इंसान की व्यवस्थायें बहुत अच्छी हो सकती हैं
इंसान की व्यवस्थायें बहुत अच्छी हो सकती हैं । परन्तु उनमें दोष न हो, ऐसा सम्भव नहीं । कार्य बहुत अच्छे हो सकते हैं, मगर दोष रहित न हों ऐसा नहीं हो सकता। कहीं न कहीं कुछ न कुछ कमियों तो रह जाती है, क्योंकि इंसान अपूर्ण है। पूर्णता तो सिर्फ़ ईश्वर में है और जहाँ पूर्णता है वहां आनन्द है, सुख है, शांति है, चैन है। लेकिन यह सब उसी को मिलता है, जो उस पूर्ण से जुड़ जाता है। उस परमपिता से जुड़ने के बाद फ़िर कोई कमी नहीं रह जाती।
परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज
All provisions and arrangements done by humans can be of high quality but they can not be flawless - it is not possible. All actions can be excellent but again they can not be without some sort of defect. Somewhere something is missing because human beings are not perfect. Perfection and preciseness is only in God and where there is perfection, there is bliss, happiness, peace and serenity. The one who connects with this perfection will get these things. There will be no scarcity of these things after connecting to the Almighty.
Translated by Humble Devotee
Praveen Verma
समस्या को पहले समझो
दौड़ने से पहले रुकिए, रुककर सोचिए, ठहरिए। उसके बाद अपनी दौड़ जारी रखो। समस्या को पहले समझो, प्यार से समझो, समझने में थोड़ा समय लगा दो। ठीक से समस्या समझ में आ गई फ़िर झूझना शुरु कीजिए। उलझे हुए धागे हैं आपने उनके लिए जो भी ताकत लगानी है, लगाना लेकिन पहले समझ तो लो कि उलझे कहाँ है ? अगर ठीक समस्या समझ लो तो ज्यादा यत्न की जरूरत नहीं होती। इस समझ की बहुत कीमत है।
परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज
Stop before you run; pause and think. Then continue to run. It is important to stop before you go and understand the problem. Spend some time understanding the problem. When you fully understand the problem, then go and start to act.
When yarn gets entangled, do your best to untangle the yarn. However, first try and understand how and at what point did the yarn become tangled. When a problem is fully understood, then not a lot of effort is required to fix it. Thus, there is much value in taking the time to fully understanding a problem.
Translated by Humble Devotee
Praveen Verma
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- आज का गुरु संदेश 4-7-13 (1)
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- गीता (1)
- गुरु (1)
- गुरु का पत्र अपने प्यारों के नाम (1)
- गुरु के प्यारों के आनन्द का पर्व ----"-उल्लास पर्व " समारोह २०११ (1)
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- गुरु को संभाल लो तो गोविन्दअमृतवाणी (1)
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- गुरु ज्ञान वाटिका के पुष्प (1)
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- गुरुदेव -गुरुमां के ग्रहस्थ प्रवेश (1)
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- गुरुदेव धर्म के पथ पर चलने का सदेश सभी देते हें (1)
- गुरुपूर्णिमा महोत्सव के देशव्यापी कार्यकर्म (1)
- गुरुवाणी (1)
- गुरुवाणी २७-४-२०१२ (1)
- गृहस्थ आश्रम के ३१ वर्ष सम्पन्न होने पर बधाई (1)
- घर पर आये अतिथि का स्वागत करना (1)
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- चकोर को चैन मिलता है (1)
- चार चीज याद रखो (1)
- चिंतन (1)
- चिंता (1)
- चिंता को चबा लेना नहीं तो (1)
- चिंता से चिंतन की (1)
- चिंता से चिंतन की और (1)
- चित्त एक सरोवर (1)
- जग (1)
- जन्म देने वाले मालिक (1)
- जब आपके पास सही विचार हैं (1)
- जब कभी संकट की बेला (1)
- जब जीवन मैं (1)
- जब तक आदर्श विचारों में (1)
- जब भी बोलो यह सोच के बोलो (1)
- जब मन में सन्तुष्टी हो (1)
- जब संसार की वासनाओं का (1)
- जब हम कर्म के फल की कामना (1)
- जहां भी त्याग की भावना (1)
- जहाँ विराटता की थोड़ी-सी भी (1)
- जागो (1)
- जिज्ञासा प्रारंभ में परमात्मा ने हमको दी णी (1)
- जिज्ञासु :-गुरुदेव जब भी भक्ति मैं बैठता हूँ तो मन. (1)
- जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के (1)
- जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : साधारण जीवन में परमात्म (1)
- जिंदगी (1)
- जिंदगी के हर मोड़ पर काम आने वाली (1)
- जिंदगी को (1)
- ज़िन्दगी के पन्ने पर कुछ ऐसा लिख जा (1)
- जिन्दगी के प्रत्येक कर्म (1)
- जिन्दगी को ऐक खेल बनाओ (1)
- जिन्दगी वक्त के रूप (1)
- जिस समय तुम संसार में उलझ (1)
- जिसके पास धैर्य है (1)
- जिसमें संतुलन है उसके अन्दर प्रसन्नता है (1)
- जीना मरना (1)
- जीने की समझ (1)
- जीभ (1)
- जीवन (1)
- जीवन की दिशा बदल (1)
- जीवन की दौड़ मैं गिरना बुरी आदत नहीं (1)
- जीवन की वाटिका (1)
- जीवन की सम्पूर्णता है आनन्द (1)
- जीवन के लिए तीन चीजें जरुरी हैं (1)
- जीवन जीने की अनुपम विधा है (1)
- जीवन में जरुरी (1)
- जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध (1)
- जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध को (1)
- जीवन में श्रेष्ठ को जान (1)
- जीवन में सब तरह के रंग (1)
- जीवन रुपी रस्सी को नाव से खोलोगे (1)
- जीवन संगीत (1)
- जीवन स्वर्ण से नहीं खरीदा जा सकता (1)
- जुआ (1)
- जुआ सुख (1)
- जैसे आँखों में मोतियाबिंद (1)
- जैसे दिन को सजाता है (1)
- जैसे भेड़ों का झुंड चलता है (1)
- जैसे सोना अग्नि में पड़कर (1)
- जो आज वर्तमान है (2)
- जो तुम्हारे पास नहीं (1)
- जो परम तत्त्व हमारे अंतर में बसा हुआ है (2)
- जो बीत गया सो बीत गया (1)
- जो भी रोजी रोटी कमाने का रास्ता (1)
- ज्ञानोदय (1)
- झूंट (1)
- तप से (1)
- तीर्थ आपके अदंर हें (1)
- तू-तू (1)
- त्याग कारो तृष्णा का (1)
- दया धर्म का मूल हे (1)
- दिया (1)
- दिया जला नहीं सकते (1)
- दिया जला नहीं सकते तो (1)
- दुःख -सुख (1)
- दुःख की लकीरे मन को दबाने लगे तो (1)
- दुनिया की आँखों में धूल (1)
- दुनिया की पुरानी रीत (1)
- दुनिया में जहाँ विनम्रता से कार्य (1)
- दुनिया में भगवान को चाहने वाले कम हे... (1)
- दुर्भाग्य (1)
- दूर की दर्ष्टि रखना जीवन एक महान गुण हे (1)
- दूसरों के दोष ढूंढने में अपनी शक्ति (1)
- दूसरों को चोट पहुँचाने (1)
- दोष (1)
- द्रढ निश्चय (1)
- द्वंद (1)
- धन (1)
- धन -ज्ञान (1)
- धन मिल भी जाए तो (1)
- धन साधन हें साध्य नहीं (1)
- धन्यवाद (1)
- धर्म (3)
- धर्म की कसौटी (1)
- धेर्य बहुत बड़ा गुण हे (1)
- न अत्याचार करो न (1)
- न तो संसार मैं (1)
- नया आ रहा है (1)
- नववर्ष के स्वागतार्थ सदगुरु की सदप्रेरणा (1)
- निचे न गिरें (1)
- निराश (1)
- पंछी कभी संग्रह नहीं करते (1)
- परम उद्देश्य (1)
- परमात्मा (1)
- परमात्मा की कृपा सहज ही कैसे होती हैं (1)
- परमात्मा के निमित आप कोई भी कार्य करे (1)
- परिवरतन (1)
- परिस्थितियाँ (1)
- पानी (1)
- पाया है तो (1)
- पारस मणी (1)
- पुण्यरूपी हाथ कौन सा हे ? (1)
- पुरान (1)
- पूज्य महाराजश्री के आगामी कार्यक्रम (अप्रैल २००९ में ) (1)
- पूज्य श्री के मई ०९ के कार्यक्रम (1)
- पूज्य श्री सुधांशुजी महाराज का विनम्र निवेदन (1)
- पूज्यश्री के आगामी कार्यक्रम (1)
- पैसा (1)
- पैसे से आप (1)
- प्रकृति का नियम है कि (1)
- प्रत्येक इन्द्रिय का अपना धर्म है (1)
- प्रथ्वी (1)
- प्रभु की भक्ति (1)
- प्रसन्न रहने का स्वभाव बनाओ (1)
- प्रसन्न रहने के (1)
- प्रार्थना (1)
- प्रार्थना का मतलब हें धन्यवाद करना (1)
- प्रार्थना का मतलब हें धन्यवाद करना और (1)
- प्रेम (1)
- बहस करते करते वहाँ मत पहुँचो (1)
- बहादुर (1)
- बहार की रौशनी के भ्रम में अन्दर के उजाले को मत भूलो (1)
- बहिर्मुख वृति आपकी बनी हुई है (1)
- बाल्यकाल (1)
- बुद्धि और मन (1)
- बुरा (1)
- बृद्धों को चाहिए कि ज्यादा बोलने से बचें (1)
- बोध कथाएँ (1)
- बोलना (1)
- भक्ति (1)
- भक्ति करने के लिये कहां से प्रारम्भ करें (1)
- भगवन (1)
- भगवान का निय (1)
- भगवान की पूजा-प्रार्थना इस (1)
- भगवान के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए प्रयोग किये गए शब्द प्रार्थना हे (1)
- भगवान के सामने जब बेठो तो हाथ जोड़कर विनम्रता (1)
- भगवान गीता में कहते हें (1)
- भगवान ने आपको दुनियाँ के लाखों (1)
- भगवान वही देता है जो उचित (1)
- भगवान् की भक्ति (2)
- भय (1)
- भविष्य जानने की कोशिश मत करो (1)
- भविष्य परमात्मा के हाथ में है (1)
- भाग्य आपको परिस्थितियॉ देता (1)
- भाग्य क्या है ? (1)
- भावनायें (1)
- भूल होना (1)
- भोगना (1)
- मगर जिसे मिलता है गुरु का प्यार (1)
- मन (1)
- मन की शान्ति (भाग -३ ) (1)
- मन की शान्ति के लिए (भाग -१ ) (1)
- मन की शान्ति के लिए (भाग -२) (1)
- मन के कोरे (1)
- मन प्रभु (1)
- मननहीं बदला जाए (1)
- मनुष्य की प्रत्येक इन्द्रिय का अपना धर्म है (1)
- मनुष्य के जीवन में सबसे पहले यह (1)
- मनुष्य विचारों से ही (1)
- मन्त्र (1)
- महानता (1)
- महाराजश्री के (1)
- महाराजश्री के आगामी कार्यक्रम (1)
- महिमा (1)
- महीने में कम से कम एक दिन (1)
- माथे पर बरफ (1)
- माया (1)
- माहारज श्री के अहमदाबद् के प्रवचन का सीधा प्रसारण (1)
- मित्रता (1)
- मुर्ख (1)
- मुशकिल (1)
- मुस्कराने से खुशियां आपके आस पास (1)
- मूँगफली दी खुशबु ते गुड़ दी मिठास (1)
- मूर्खता चोट (1)
- में-में की लड़ाई से कैसे बचें (1)
- यदि किसी को कुछ दे दिया (1)
- यह जीवन छुरे (1)
- याद रखिए अगर भय है (1)
- रक्षा करो प्रेम (1)
- रहने का तरीका (1)
- राख को तो चीं (1)
- रोज यह सोचो की (1)
- लक्ष्य (1)
- लड़ाई (1)
- लापरवाही (1)
- लालच (1)
- वह इंसान महान है जो अपने नियम और मर्यादा (1)
- वहा ये बात प्रमुख हे कि.... (1)
- वाणी मैं अनर्थ (1)
- विद्यार्थियों के लिए धर्म का सूत्र (1)
- विद्यार्थियों के लिए धर्म के सूत्र (1)
- विपरीत समय में दुनिया (1)
- विराट सत्संग उल्ल्हासनगर (1)
- विराट भक्ति सत्संग (1)
- विराट भक्ति सत्संग् (1)
- विराटता (1)
- विश्वास (1)
- वे माता पिता अपनी (1)
- वेद (1)
- शांत मस्तिष्क ही सही (1)
- शान्ति (1)
- शान्ति एव सौहार्द की प्रतिमूर्ति हैं सदगुरु (1)
- शिव जी की प्रार्थना (1)
- शिवजी के १०८ नाम (1)
- शुभ कर्म (1)
- शुभ का स्वागत करो (1)
- श्री गणपति भगवान (1)
- सज्जनता (1)
- सत्कर्म (1)
- सत्संग और स्वाध्याय (1)
- सदगुरु की अमृत वाणी (1)
- सदगुरु के अनमोल बोल (1)
- सदगुरु चालीसा (1)
- सन्तान कौन सी अच्छी है (1)
- सफ़र (1)
- सफ़लता के मार्ग पर (1)
- सफलता यात्रा हे लक्ष्य (1)
- सब कुछ खो जाए (2)
- सबसे उपयुक्त समय ----- (1)
- सबसे बड़ा प्रेरक मनु (1)
- सभ्यता (1)
- समस्या को पहले समझो (1)
- समस्या से उपर उठो (1)
- सम्पति और समय (1)
- संसार (1)
- संसार में समय को बहुमूल्य संपदा माना गया हैन (1)
- सही raah (1)
- सात क़ा रहस्य (1)
- साधना शिविर मनाली (1)
- सीखिए (1)
- सीखिए: (1)
- सुख अच्छा लगता है (1)
- सुख और दुःख (1)
- सूचना (1)
- सेवा (1)
- सोते समय मन को (1)
- स्वर्ग नरक (1)
- स्वर्ग नरक भगवान् ने नहीं बनाए (1)
- हम जो संक्षिप्त मार्ग ढ़ूढ़ रहे (1)
- हमारी रचनात्मक (1)
- हमारे कर्म हे उलझन हें (1)
- हमारे जीवन में विचारों की शक्ति (1)
- हमारे जीवन में विचारों की शक्ति का बडा मूल्य है (1)
- हमें अश्रद्धा (1)
- हर दिन नया उपहार लेकर आता (1)
- हर दिन नया उपहार लेकर आता है (1)
- हर भक्त की पुकार अपने सद्गुरुजी (1)
- हर शुभ कार्य प्रारभ करने से पूर्व कठिन प्रतीत होता हे (1)
- हंसी दुखों को दूर (1)
- हाथों से कर्म करने की (1)