नववर्ष में प्रवेश करने का अर्थ है, पुराने से मुक्ति पाना, पुराने सम्भालकर, समेटकर रखे हुए दर्द, दिल को जलाने वाली अर्थहीन ईर्ष्याएं, अकारण जबरदस्ती ओढ़ी हुई अर्थहीन उदासियाँ, व्यर्थ की चिंताएं और जो भी स्टोर किया हुआ दुर्गणों का जखीरा है – उसे नववर्ष के आगमन के साथ अलविदा कह दीजिए। करुणा प्रेम का रस, खिलने दीजिए कमल के सुमन, उठने दीजिए सूर्य जैसा उत्साह और चाँद जैसी ताजगी, यही है नववर्ष पर नूतन आशीष और सम्बुद्द सदगुरु की सदप्रेरणा ।
परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज
With the arrival of the new year, we should say good-bye to our existing vices. Thus get rid of the pain that you are holding on to, the meaningless jealousies that burn your heart, any pointless sadness or desolation, any futile or useless worries. Instead, in the new year, let empathy and love blossom like the lotus flower. Let courage rise like the sun. This is the blessing for the new year for everyone, fueled by a spiritual master.
Translated by Humble Devotee
Praveen Verma
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