Shared BY Rabindra Nath Dwivedi
Main highlights from Guruji's Pune Satsang....Thank you so much Sir
ध्यान योग शिविर - 6th अप्रैल
1. अपनी एकाग्रता तीन जगहों पे केन्द्रित करो
> नाभि केंद्र
> ह्रदय केंद्र
> आज्ञा चक्र
2. ऊर्जा दो प्रकार से चलती है
> लहर रूप में , जिसमें ओंकार आता है
> प्रकम्पन से भ्रामरीआता है
3. अहंकार वाला व्यक्ति ना तो नर के काम आता है ना तो नारायण के
प्रवचनांश - 6th अप्रैल
1. उस सत्संग से जुड़िये जिसमें भक्ति हो , क्रांति पैदा हो, जिससे नियमित हो जाएँ और अनुशासित हो जाएँ
2. उपासना का मतलब परमात्मा का निकट होना है
3. गुरु प्रतीक है , विकास का , प्रकाश का, तथा आपकी जीवन की नौका का पतवार है
4. दुनियाँ के आगे समर्थ और परमात्मा के सामने असमर्थ हो के रहो .
ध्यान योग - 7th अप्रैल
1. यात्रा में ध्यान कैसे करें : थोड़ी देर बैठे , ध्यान के लिए आखें बंद कर लें , ध्यान में शांत जगह का स्मरण कर वहां अपना आभास करें , उस शांत अवस्था में भगवान् का ध्यान करें
प्रवचनांश - 7th अप्रैल
1. पांच चीजें मौत का द्वार हैं
> असंयम
>आक्रोश
> आलस्य
> आकांक्षा
>अविवेक
2. बच्चों को धन के साथ धर्मं का भी वारिस होना चाहिए
Main highlights from Guruji's Pune Satsang....Thank you so much Sir
ध्यान योग शिविर - 6th अप्रैल
1. अपनी एकाग्रता तीन जगहों पे केन्द्रित करो
> नाभि केंद्र
> ह्रदय केंद्र
> आज्ञा चक्र
2. ऊर्जा दो प्रकार से चलती है
> लहर रूप में , जिसमें ओंकार आता है
> प्रकम्पन से भ्रामरीआता है
3. अहंकार वाला व्यक्ति ना तो नर के काम आता है ना तो नारायण के
प्रवचनांश - 6th अप्रैल
1. उस सत्संग से जुड़िये जिसमें भक्ति हो , क्रांति पैदा हो, जिससे नियमित हो जाएँ और अनुशासित हो जाएँ
2. उपासना का मतलब परमात्मा का निकट होना है
3. गुरु प्रतीक है , विकास का , प्रकाश का, तथा आपकी जीवन की नौका का पतवार है
4. दुनियाँ के आगे समर्थ और परमात्मा के सामने असमर्थ हो के रहो .
ध्यान योग - 7th अप्रैल
1. यात्रा में ध्यान कैसे करें : थोड़ी देर बैठे , ध्यान के लिए आखें बंद कर लें , ध्यान में शांत जगह का स्मरण कर वहां अपना आभास करें , उस शांत अवस्था में भगवान् का ध्यान करें
प्रवचनांश - 7th अप्रैल
1. पांच चीजें मौत का द्वार हैं
> असंयम
>आक्रोश
> आलस्य
> आकांक्षा
>अविवेक
2. बच्चों को धन के साथ धर्मं का भी वारिस होना चाहिए
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