Subject: [AMRIT VANI] अमृत वचन
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Posted By Madan Gopal Garga to AMRIT VANI at
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परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज
Praveen Verma
FUTURE PROGRAMMES OF MAHARAJ SHRI
25th – 29th November, 2009 Gurgaon, Haryana
9th – 13th December, 2009
23rd – 27th December, 2009
8th – 10th January, 2010 Kolkata,
13th – 17th January, 2010 Thane,
3rd – 7th February, 2010
12th – 14th February, 2010 Meditation Camp, Anand Dham Ashram,
19th – 23rd February, 2010 Punjabi Bagh,
26th – 28th March, 2010 Hisar, Haryana
"हमारे जीवन में विचारों की शक्ति का बडा मूल्य है । विचार वह है – जो भाव बन करके आपके अन्दर से उठते है, लेकिन उन भावों में जो भाव सकारात्मक है, वे आपको शक्ति देते है और जो नकारात्मक विचार है वे आपकी शक्ति को खींचते है और खराब करते है। इसलिये अपने मन मै सदैव सकारात्मक विचार लायें।"
परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज
"The power of thought has great value in our lives. Thoughts are simply what we feel inside. Positive thoughts give you a new energy and a fresh perspective. On the contrary, negative thoughts set us back and waste our energy. Therfore always have positive thoughts."
His Holiness Sudhanshuji Maharaj
Humble Devotee
Praveen Verma
"बहिर्मुख वृति आपकी बनी हुई है। ससार की तरफ घूमती हुई वृति, वो आपको परमात्मा की तरफ या कहना चाहिए अपने आपको जानने की तरफ नही जाने देती । और उसका परिणाम यह होता है कि हम एक भीड़ में ,जैसे भेड़ों का झुंड चलता है, उस तरह से, भीड़ की तरह से जीने लग जाते है। तो आप अपने अन्दर कोई विशेषता नहीं ला पाते।
आप अपने अन्दर एक पवित्र इन्सान बन सके, आप अपनी शान्ति के साथ जी सके, अपने प्रेम के साथ जी सके, अपने अन्दर एक सतोगुण को आप जन्म दे सके तो वो बहुत बडी चीज है।"
परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज
"Our instincts are outward focused. Our mindset is so much towards the world that it does not allow us to focus on God or even properly know ourselves.
The result of this outward focus is that we live like sheep and follow others instead of being able to bring peace within us.
It is indeed a great accomplishment if you can lead a sin free life in peace with love, purity and goodness."
"बहिर्मुख वृति आपकी बनी हुई है। ससार की तरफ घूमती हुई वृति, वो आपको परमात्मा की तरफ या कहना चाहिए अपने आपको जानने की तरफ नही जाने देती । और उसका परिणाम यह होता है कि हम एक भीड़ में ,जैसे भेड़ों का झुंड चलता है, उस तरह से, भीड़ की तरह से जीने लग जाते है। तो आप अपने अन्दर कोई विशेषता नहीं ला पाते।
आप अपने अन्दर एक पवित्र इन्सान बन सके, आप अपनी शान्ति के साथ जी सके, अपने प्रेम के साथ जी सके, अपने अन्दर एक सतोगुण को आप जन्म दे सके तो वो बहुत बडी चीज है।"
परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज
"Our instincts are outward focused. Our mindset is so much towards the world that it does not allow us to focus on God or even properly know ourselves.
The result of this outward focus is that we live like sheep and follow others instead of being able to bring peace within us.
It is indeed a great accomplishment if you can lead a sin free life in peace with love, purity and goodness."
"बहिर्मुख वृति आपकी बनी हुई है। ससार की तरफ घूमती हुई वृति, वो आपको परमात्मा की तरफ या कहना चाहिए अपने आपको जानने की तरफ नही जाने देती । और उसका परिणाम यह होता है कि हम एक भीड़ में ,जैसे भेड़ों का झुंड चलता है, उस तरह से, भीड़ की तरह से जीने लग जाते है। तो आप अपने अन्दर कोई विशेषता नहीं ला पाते।
आप अपने अन्दर एक पवित्र इन्सान बन सके, आप अपनी शान्ति के साथ जी सके, अपने प्रेम के साथ जी सके, अपने अन्दर एक सतोगुण को आप जन्म दे सके तो वो बहुत बडी चीज है।"
परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज
"Our instincts are outward focused. Our mindset is so much towards the world that it does not allow us to focus on God or even properly know ourselves.
The result of this outward focus is that we live like sheep and follow others instead of being able to bring peace within us.
It is indeed a great accomplishment if you can lead a sin free life in peace with love, purity and goodness."
"हमारे जीवन में विचारों की शक्ति का बडा मूल्य है । विचार वह है – जो भाव बन करके आपके अन्दर से उठते है, लेकिन उन भावों में जो भाव सकारात्मक है, वे आपको शक्ति देते है और जो नकारात्मक विचार है वे आपकी शक्ति को खींचते है और खराब करते है। इसलिये अपने मन मै सदैव सकारात्मक विचार लायें।"
परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज
"The power of thought has great value in our lives. Thoughts are simply what we feel inside. Positive thoughts give you a new energy and a fresh perspective. On the contrary, negative thoughts set us back and waste our energy. Therfore always have positive thoughts."
His Holiness Sudhanshuji Maharaj
Humble Devotee
Praveen Verma
प्रथम संस्करण : श्रद्धा पर्व २००९
प्रतियाँ :११००
मूल्य :६0 रुपये
सम्पादन :डा:नरेंद्र मदान
"शरीर की शुद्धि जल से होती है,
मन की शुद्धि सत्य से होती है,
आत्मा की शुद्धि विद्या और तप से होती है,
बुद्धि की शुद्धि ज्ञान से होती है।"
परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज
Praveen Verma
Water purifies the Body,
Truth purifies the Mind,
Knowledge and devout austerity purifies the Soul,
Intellect gets purified by the inner wisdom.
His Holiness Sudhanshuji Maharaj
Humble Devotee
Praveen Verma
जिसने गीता की अमृतमयी -ज्ञान की बूंदों को चख लिया उसके लिए स्वंय का कष्ट तो कष्ट रहता ही नहीं ! वह दुनिया के कष्टों का निवार्ण करने के लिये निकल पङता हें !
"महानता जब आपके अन्दर जागती है तो आप नीचा कुछ भी कार्य नहीं करेगें। ऐसा कुछ भी नहीं करेंगें जिससे आपको खुद भी निराशा हो।
इसलिए ध्यान रखें जैसे जैसे हम प्रभु के निकट होते जाते है हमारे अन्दर एक पूर्णता आती है , हमारा अधूरापन दूर होता है,
हमारी सम्पूर्णता जाग्रत होने लग जाती है।"
परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज
"Nobility will not let you do anything which is lowliness and inferior. You will also not do anything which brings regret and discontent.
So keep it in mind, having a close relation with God brings wholeness and totality in us. Scarcity and imperfection fade away and totality
awakens."
His Holiness Sudhanshuji Maharaj
Humble Devotee
Praveen Verma
"यदि हम आध्यात्मिक नगरी में प्रवेश करना चाहते है तो सबसे पहले वैर को
छोड़ना सीखें । अभी से नियम बनाइये कि मुझे किसी से वैर नहीं रखना। वैर नहीं
तो प्रतिशोध नहीं , बदला भी नहीं । अपने को बदलने में विश्वास रखिये, दूसरों से बदला
लेने की इच्छा नहीं करें ।"
परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज
"जीवन की सम्पूर्णता है आनन्द और आनन्द परमात्मा का ही एक रूप या एक नाम
है, जिसे सच्चिदानन्द कहा जाता है। हमारा जन्म परमात्मा से मिलने के लिए ही
हुआ है और इसी उद्देश्य को लेकर हम दुनिया में आए है। वस्तुतः जीवन एक
अवसर है परमात्मा से मिलने के लिए।"
परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज