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parampujy Guruvar Sudhanshuji Maharaj ka Shishay

Tuesday, December 28, 2010

दया धर्म का मूल हे



दया धर्म का मूल हे ,पाप मूल अभिमान ,
तुलसी दया न छोडिए , जब लग घाट में प्राण !


जब में था हरी नहीं ,हरी हें में नहीं ,
प्रेम गली अति सांकरी, जा में दो न समाए!

--
Posted By Madan Gopal Garga to DOHE AND CHOPAI Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj ke pravachano se liye at 12/28/2010 02:53:00 PM

Friday, December 17, 2010

भगवान का नियम




भगवान का नियम भगवान से भी ऊपर ही ,भगवान् अपने नियम कभी नहीं तोड़ते ! भगवान से उनका नियम बदलने के लिए कभी प्रारथना मत करो ,उनके नियमो का पालन करो !

--
Madan Gopal Garga द्वारा GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ के लिए 12/17/2010 03:36:00 PM को पोस्ट किया गया

Thursday, December 2, 2010

हर दिन नया उपहार लेकर आता न

Subject: अमृत वचन

हर दिन नया उपहार लेकर आता है, द्वार पर ठहरता है और प्रतीक्षा करने के बाद चला जाता है ! अगर उसके स्वागत के लिए तुम तैयार हो तो वह उपहार प्रदान करता है, नहीं तो बहूमूल्य उपहार वापिस ले कर चला जाता है !


परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज


Each and every day of our life is a precious gift that we receive. This gift arrives our door and waits for us to take advantage of it. If we fail to take advantage of this opportunity, this precious gift will be lost to us. On this day and every day, we should be THANKFUL and welcome this gift into our hearts with great care.

Happy Thanksgiving !


Translated by Humble Devotee
Praveen Verma


Sunday, November 14, 2010

REVISED MUMBAI SATSANG PROGRAMME

GURUVANNI Good Thoughts by Pujay SUDHANSHUJI Maharaj: REVISED MUMBAI SATSANG PROGRAMME: " REVISED MUMBAI SATSANG PROGRAMME Bhakti Satsang at Vardanlok Asharam,Mumbai, Kajupada -Ghodb..."

आज का काम भलीभान्ति पूरा


आज का काम भलीभान्ति पूरा करने के अलावा बाकी समस्त महत्वाकांक्षाओं को त्याग दो। सफ़लता के मार्ग पर चलने वाले वर्तमान में जीते हैं वे कल की नहीं सोचते। आपके हाथ में जो समय है उसे सँभालना है। जो बीत गया है उसकी बात नहीं करना।


परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज

Give up all aspirations, except fulfilling today's goals and duties well. People who are on the way to success live in the present and do not fixate about tomorrow. Safeguard the time you have in your hands. Do not talk or ruminate about the past - that time is gone.



Translated By Humble Devotee
Praveen Verma

आज का काम भलीभान्ति पूरा


दौड़ने से पहले रुकिए, रुककर सोचिए, ठहरिए। उसके बाद अपनी दौड़ जारी रखो। समस्या को पहले समझो, प्यार से समझो, समझने में थोड़ा समय लगा दो। ठीक से समस्या समझ में आ गई फ़िर झूझना शुरु कीजिए। उलझे हुए धागे हैं आपने उनके लिए जो भी ताकत लगानी है, लगाना लेकिन पहले समझ तो लो कि उलझे कहाँ है ? अगर ठीक समस्या समझ लो तो ज्यादा यत्न की जरूरत नहीं होती। इस समझ की बहुत कीमत है।


परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज



Stop before you run; pause and think. Then continue to run. It is important to stop before you go and understand the problem. Spend some time understanding the problem. When you fully understand the problem, then go and start to act.

When yarn gets entangled, do your best to untangle the yarn. However, first try and understand how and at what point did the yarn become tangled. When a problem is fully understood, then not a lot of effort is required to fix it. Thus, there is much value in taking the time to fully understanding a problem.




Translated by Humble Devotee
Praveen Verma

इंसान की व्यवस्थायें बहुत अच्छी हो सकती हैं

Subject: अमृत वचन


इंसान की व्यवस्थायें बहुत अच्छी हो सकती हैं । परन्तु उनमें दोष न हो, ऐसा सम्भव नहीं । कार्य बहुत अच्छे हो सकते हैं, मगर दोष रहित न हों ऐसा नहीं हो सकता। कहीं न कहीं कुछ न कुछ कमियों तो रह जाती है, क्योंकि इंसान अपूर्ण है। पूर्णता तो सिर्फ़ ईश्वर में है और जहाँ पूर्णता है वहां आनन्द है, सुख है, शांति है, चैन है। लेकिन यह सब उसी को मिलता है, जो उस पूर्ण से जुड़ जाता है। उस परमपिता से जुड़ने के बाद फ़िर कोई कमी नहीं रह जाती।

परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज

All provisions and arrangements done by humans can be of high quality but they can not be flawless - it is not possible. All actions can be excellent but again they can not be without some sort of defect. Somewhere something is missing because human beings are not perfect. Perfection and preciseness is only in God and where there is perfection, there is bliss, happiness, peace and serenity. The one who connects with this perfection will get these things. There will be no scarcity of these things after connecting to the Almighty.


Translated by Humble Devotee
Praveen Verma

समस्या को पहले समझो

Subject: अमृत वचन

दौड़ने से पहले रुकिए, रुककर सोचिए, ठहरिए। उसके बाद अपनी दौड़ जारी रखो। समस्या को पहले समझो, प्यार से समझो, समझने में थोड़ा समय लगा दो। ठीक से समस्या समझ में आ गई फ़िर झूझना शुरु कीजिए। उलझे हुए धागे हैं आपने उनके लिए जो भी ताकत लगानी है, लगाना लेकिन पहले समझ तो लो कि उलझे कहाँ है ? अगर ठीक समस्या समझ लो तो ज्यादा यत्न की जरूरत नहीं होती। इस समझ की बहुत कीमत है।


परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज



Stop before you run; pause and think. Then continue to run. It is important to stop before you go and understand the problem. Spend some time understanding the problem. When you fully understand the problem, then go and start to act.

When yarn gets entangled, do your best to untangle the yarn. However, first try and understand how and at what point did the yarn become tangled. When a problem is fully understood, then not a lot of effort is required to fix it. Thus, there is much value in taking the time to fully understanding a problem.




Translated by Humble Devotee
Praveen Verma

Wednesday, October 13, 2010

शान्ति एव सौहार्द की प्रतिमूर्ति हैं सदगुरु


शान्ति एव सौहार्द की प्रतिमूर्ति हैं सदगुरु
समाचार चैनलोंका आज भारी बोलबाला है , ऐसा लगता है कि किसी की भी पगड़ी उछालने का उनके पास अधिकार है ! कुछ निहित स्वार्थी लोग उनको ऐसी सामग्री देकर आग में घृत डालने का कार्य करते हैं !कुछ संतोंपर तथा ज्योतिषी और तांत्रिकों पर दिखाया गया स्टिंग औपरेशन उसका ताजा उदाहरण है ! परम पूज्य सुधांशुजी महाराज को भी इसी चैनल ने इसी नाप से नापने की कोशिश की ,जिसकी सम्पूर्ण राष्टृ ने निन्दाजनक अभिव्यक्ति दी है !
सदगुरुदेव सदा शांति एवं सौहार्द का ही संदेश देते हें ,उनका आदेश है -केवल शांत रहकर सबके लिए सदबुद्धि की मंगल प्रार्थना करें ,कोई भी आवेशित होकर व्यवहार न करें !
ऐसे प्यारे सदगुरुजी महाराज को किसी से क्या स्वार्थ !
मीडिया भेष बदलकर ललचाने ,फंसाने आया, गुरु के मुख से कुछ मनचाहा निकलवाने की कोशिश करता रहा ,परन्तु सदगुरुजी ने मुख से कुछ नहीं कहा जो आपत्तिजनक हो ! परन्तु चैनल ने शब्धों को अपने अर्थ निकालने के उद्देश्य से उनका उपयोग किया !
महाराजश्री स्वय पक्ष रखने के लिए चैनल की स्क्रीन पर दिखाई दिए ,उन्होंने अपनी बात स्पष्टता से कही!
एक वार्ताकार के कुछ शब्द स्तर से परे थे ,जो दुखदाई थे ! संतों को गलत साबित करने की ऐक मुहिम आज चरम पर हे ! जिंसका एक कारण यह भी है ,कुछ तथाकथित नकली लोग धर्म ध्वज धार्ण किए हुए हैं, लेकिन अच्छे और बुरे लोग हर युग में रहे हैं ! सुगन्ध के प्रसार्ण से ही वातावरण महकेगा दुर्गन्ध से नहीं !
डाँ नरेन्द्र मदान

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Madan Gopal Garga द्वारा DELHI (VISHWAJAGRITI MISSION ) के लिए 10/13/2010 07:17:00 PM को पोस्ट किया गया

Tuesday, October 12, 2010

Guruji aagami programes










Subject: Guruji aagami programes




October 8-10 Jaipur Rajasthan
October 20-24 Ganesh Laxmi Yagya A D Ashram Delhi
22 october 2010 purnima darshan
27 to 31 october 2010, Ludhiana,Punjab
17 to 21 november 2010,Bhopal,Madhya Pradesh Purnima darshan
1 to 5 december 2010 ,Chandigarh,haryana
10 to 12 December 2010,Mumbai, Maharashtra.
24 to 26 December ,2010, kolcatta,west Bengal
6 to 9 January,2011 , Nagpur Maharashtra.
21 to 23 Januart 2011, Haiderabad,Andhra Pradesh.
28 to 30 Jan.2011 ,Surat Gujrat.









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Madan Gopal Garga द्वारा GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ के लिए 9/04/2010 12:47:00 PM को पोस्ट किया गया

Monday, October 11, 2010

पूज्य श्री सुधांशुजी महाराज का विनम्र निवेदन


पूज्य श्री सुधांशुजी महाराज का विनम्र निवेदन
मुझे जो आज तक न्यूज चैनल से कहना था उनके समक्ष कह दिया था ! इस चर्चा को अधिक विस्तार न दिया जाए ! सत्य के लिए आग्रह होना चाहिए परन्तु आवेश नहीं ! हमने अपनी बात वरिष्ठ पत्रकारों के सम्मुखरख दी वे अपना उत्तरदायित्व समझते हें ! सम्भवत:ये ध्यान रखा ही जाएगा कि सबको एक तराजु में न तोला जए ! भक्तों से आग्रह है शांत रहकर सर्वमगल प्रार्थना करें और विवेक न खोएं1

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Madan Gopal Garga द्वारा GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ के लिए 10/11/2010 05:08:00 PM को पोस्ट किया गया

Saturday, September 25, 2010

भाग्य क्या है

Sent: Thursday, September 16, 2010 7:38 AM
Subject: अमृत वचन

भाग्य क्या है ? अवसर और तत्परता, दोनों का मिलन ही भाग्य है। जो अवसर को पह्चान ले और तत्परता से पकड़ ले, बस समझ लीजिए भाग्य हाथ में आ गया। अवसर को ढूढिए, अवसर को पहचानिए और तत्परता से फ़ायदा उठI लीजिए, नहीं तो वो लौट के आने वाला नहीं है।


परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज

What is destiny ? The combination of opportunity and eagerness is destiny. Those who can identify an opportunity and take advantage of it with eagerness, can reach their full potential and their destiny. Search for opportunities, recognize them and take advantage of them with eagerness because once an opportunity is gone it will not come back.

Translated by Humble Devotee

Praveen Verma

Guruvar ka Jaipore progmm

Sent: Saturday, September 18, 2010 11:53 AM
Subject: Guruvar ka Jaipore progmm.
Guruvar will come atJaipur On 8th oct 10. Parvachan will be from 8th oct to 10thoct 10.
Time-
Date Morning Evening
8.10.2010 --------- 5.30 to 8.00
9.10.2010 8.30 to 11.00 5.30 to 8.00
10.10.2010 8.30 to 11.00 5.30 to 8.00
Venue- JAI UDHYAN OPP. GOVINDDEVJI MANDIR JAIPUR



दूसरों के दोष ढूंढने में अपनी शक्तिन



दूसरों के दोष ढूंढने में अपनी शक्ति का अपव्यय मत करो। अपने आप को ऊँचा उठाने का हर सम्भव

प्रयास जारी रखो, उसे कम न होने दो।

हर किसी में अच्छाई को ढूंढो, उससे कुछ सीखकर अपना ज्ञान और अनुभव बढाओ। इससे तुम बहुत

जल्दी ऊँचाई तक पहुँच सकते हो।

परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज

Do not waste your energy in finding faults in others. Instead, make every possible effort to stand out or shine yourself.

Find excellence in everybody. Using the knowlege you gain from this mindset, you can reach great heights in a short amount of time
.



Translated by Humble Devotee
Praveen Verma



आदमी का अन्तःकरण स्वच्छ होना चाहिए

Sent: Thursday, August 26, 2010 7:42 PM
Subject: अमृत वचन

आदमी का अन्तःकरण स्वच्छ होना चाहिए । यदि हम खुद अच्छे हैं तो दुनिया अच्छी है। यदि हम बुरे हैं तो दुनिया हमारे लिए बुरी ही साबित होगी। दूसरों की अच्छाई तो देखो पर बुराई न देखो, वरना दुनिया हमारे लिए बुरी ही होगी।

परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज

A person's conscious should be clear and clean. If we are good then the world is good. And if we are bad then the world will prove to be bad for us. Be good and see goodness in others, this will ensure a good world for all.

Translated by Humble Devotee

Praveen Verma

जीवन की सम्पूर्णता है आनन्द

Sent: Thursday, September 02, 2010 10:40 PM
Subject: अमृत वचन

जीवन की सम्पूर्णता है आनन्द और आनन्द परमात्मा का ही एक रूप या एक नाम है जिसे सच्चिदानन्द कहा जाता है। हमारा जन्म परमात्मा से मिलने के लिए ही हुआ है और इसी उद्देश्य को लेकर हम दुनियाँ में आए हैं । वस्तुतः जीवन एक अवसर है परमात्मा से मिलने के लिए।


परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज


Life's completeness is bliss and bliss is one of the God's name and form which is called "existence-consciousness-bliss" . The purpose or goal of our birth is to unite with God. To fulfill this goal, we must lead a complete life and ulitize our opportunity to unite with God.


Translated by Humble devotee
Praveen Verma


जीवन संगीत

Sent: Thursday, September 23, 2010 6:39 AM
Subject: अमृत वचन

जीवन संगीत है। सुर से बजाओगे तो बहुत अच्छा है, मधुर है और अगर सुर से भूल गए तो शोर है जीवन

और उसको खुद भी नहीं सुन पाओगे दूसरे तो क्या सुनेगें ।

जीवन है चुनौती । नित नई नई चुनौती बनकर सामने आती हैं । जब आप बहादुर होकर चुनौती को स्वीकार करते हैं

तो वो कुछ न कुछ देकर ही जाएँगी, कुछ लाभ देंगी ।


परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज



Life is filled with music. When the music is in tune, life is melodious and sweet. However, when the music is out of tune it just becomes noise. No one will be able to listen, not even you.

Life is a challenge. Everyday we face new challenges. When we face a challenge with courage, we benefit from the rewards we reap.

Translated by Humble Devotee

Praveen Verma



Thursday, September 9, 2010

विराट भक्ति सत्संग



विराट भक्ति सत्संग
पावन सान्निध्य
पूज्य श्रीसुधांशुजी महाराज
पुणे ,महाराष्ट्र
शुभारम्भ :दिनांक :11 से 12 सितम्बर ,2010
कार्यक्रम
दिनांक 11 सितम्बर ,2010
समय : सायं -5-00 से 7-00 बजे तक
दिनांक : 12 सितम्बर 2010
समय : सायं -4-00 से 5-00 बजे तक
*******विशेष कार्यक्रम *****
दिनांक 12 सितम्बर 2010
समय : प्रात 8-30 बजे से
परमपूज्य श्री सुधांशुजी महाराज के करकमलों
द्वारा श्रीमंत डाग्डुशेठ हलवाईसार्वजनिक गण्पति
उत्सव में मुख्य धार्मिक विधि तथा गणेशयाण
का शुभारम्भ ,तत्पश्चा्त सत्संग
ऐव गणपति की आरती
स्थान सिद्धि गार्डन येरण्डवना ,100 फीट
डी पी रोड,महात्रे ब्रिज के नजदीक पुणे -4

आप सभी सपरिवार सादर आमत्रित हें

आयोजक विशव जागृति मिशन ,पुणे मण्डल पुणे
सम्पर्कसूत्र 09422307190,09823565494,09823015107,
09850408319


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Posted By Madan Gopal Garga to Vishwa Jagruti Mission (Pune) Mandal at 9/06/2010 07:35:00 PM

Guruji aagami programes










Subject: Guruji aagami programes


September 11-12 Pune
September 23 Anand dham Ashram Delhi
October 1-3 Kanpur Including Shardha Parv 2nd oct.
October 8-10 Jaipur Rajasthan
October 20-24 Ganesh Laxmi Yagya A D Ashram Delhi
22 october 2010 purnima darshan
27 to 31 october ludhiana
17 to 21 november bhopal
1 to 5 december chandigarh











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Madan Gopal Garga द्वारा GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ के लिए 9/04/2010 12:47:00 PM को पोस्ट किया गया

Saturday, June 26, 2010

हर भक्त की पुकार अपने सद्गुरुजी


हर भक्त की पुकार अपने सद्गुरुजी के लिए एक ही होती है और वह है।
तेरा जलवा जहाँ होगा।
मेरा सजदा वह होगा।
मेरे जैसे तो लाखो होंगे।
पर तेरे जैसा प्यारा कहाँ होगा।
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

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Niranjan Manju Agarwal द्वारा GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL-Good thoughts by SUDHANSHUJI Maharaj के लिए 6/21/2010 08:15:00 AM को पोस्ट किया गया

Friday, June 25, 2010

जिज्ञासा प्रारंभ में परमात्मा ने हमको दी

गुरु वाणी



जिज्ञासा प्रारंभ में परमात्मा ने हमको दी और हमारी कोशिश होनी चाहिए की इस जिज्ञासा को हम मरने न दें क्योकि हम इस संसार में जानने के लिए आये हैं।

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश


--
Rashmi द्वारा GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL-Good thoughts by SUDHANSHUJI Maharaj के लिए 6/22/2010 11:22:00 PM को पोस्ट किया गया

Sunday, June 20, 2010

जैसे आँखों में मोतियाबिंद


जैसे आँखों में मोतियाबिंद होने पर कुछ नज़र नहीं आता उसी तरह अन्तः करण पर मैल चढ़ जाने पर परमात्मा को मनुष्य देख नहीं पाता और उससे दूर होजाता है।

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Thursday, June 17, 2010

गुरुपूर्णिमा महोत्सव के देशव्यापी कार्यकर्म

गुरुपूर्णिमा महोत्सव के देशव्यापी कार्यकर्म



गुरुपूर्णिमा महोत्सव के देशव्यापी कार्यकर्म

पुणे महाराष्ट्र

२ और ३ जुलाई

सम्पर्क सूत्र, ०९४२२३१७१९०,०९८२३०१५१०७,०९८५०३०८३१९,०९३७१००२३९४



पंचकुला ,चंडीगढ़

१० और ११ जुलाई

sampark सूत्र ,०१७२-३२०१३०० ,०९८१४०१२५०२,०९८१४०१२५०३



थाणे .मुंबई

४ जुलाई

स्थान =वरदान लोक आशरम

सम्पर्क सूत्र ०९८७०४०२०१०,०९८२१०५१९४२



कानपुर ,उ.प्र।

१८ जुलाई

सम्पर्क सूत्र 09336226811

Wednesday, June 16, 2010

बहार की रौशनी के भ्रम में अन्दर के उजाले को मत भूलो


बहार की रौशनी के भ्रम में अन्दर के उजाले को मत भूलो, बहार के प्रभाव से अपने स्वभाव को मत बदलो, अपनी शांति, अपना आनंद, अपना उल्लास, अपना उत्साह, अपनी उमंग, अपनी तरंग, अपना चैन, अपनी नींद, अपनी जीवन शैली, अपने जीवन का उद्देश्य ख़राब मत करो।

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Tuesday, June 1, 2010

आस्तिक इंसान वो है जो


आस्तिक इंसान वो है जो भगवान् को सिर्फ मंदिर में ही नै बल्कि कण कण में मानता है, जो माने के भगवान् बहोत प्रेम वाला है, दयालु है।

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Sunday, May 30, 2010

जीवन जीने की अनुपम विधा है

जीवन जीने की अनुपम विधा है। जो व्यक्ति श्रद्धा और आस्था को अपने भीतर समेटकर समर्पण से कार्य करता है वहि सचे अर्थो में त्यागी है, तपस्वी है और प्रभु का प्यारा है। त्याग एक ऐसा पुष्प है जिसकी सुगंध कभी मलीन नहीं होती।
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Wednesday, May 26, 2010

दुनिया में जहाँ विनम्रता से कार्य


दुनिया में जहाँ विनम्रता से कार्य बनता है वहां कभी उग्र नहीं होना चाहिए। लेकिन जब सारे रस्ते बंद हो जाये थो फिर डटकर मुकाबला भी करना ज़रूरी होता है। परन्तु भगवान् श्री राम की सेना की तरह संगठित होकर ही आप अन्याय, अत्याचार, पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Friday, May 21, 2010

जैसे सोना अग्नि में पड़कर


जैसे सोना अग्नि में पड़कर भी काला नहीं होता, बल्कि और चमकने लगता है। इसी प्रकार संकट के क्षणों में धर्मात्मा धर्म से पीछे नहीं हटते वे और अधिक धर्मनिष्ठ होकर विपत्तियों की अग्नि में तपकर चमकने लगते हैं।

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Thursday, May 20, 2010

त्याग कारो तृष्णा का

त्याग कारो तृष्णा का, बहुत मान की इच्छा का, अपनी लापरवाही का जिसे हम ध्यान नही देते, आलस्य का, मोह का, निंदा का, ईर्ष्या और आलोचना का।
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Wednesday, May 19, 2010

अपनी अहंकारात्मक चेतना से ब्रह्म के


अपनी अहंकारात्मक चेतना से ब्रह्म के स्तर तक उठने का मार्ग यही है की हम अपनी बौधिक, मनोवेगान्त्मक और संकल्पात्मक शक्तियों को परमात्मा में केन्द्रित कर दें। यही उत्तम मार्ग है।

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Monday, May 17, 2010

महीने में कम से कम एक दिन


महीने में कम से कम एक दिन ऐसा निकाल लीजिये जो आपके, परिवार और रिश्तेदारों के लिए नहीं भगवान् के लिए हो। किसी मंदिर में, किसी धर्म स्थान में जाकर सेवा करे दींन दुखी की सहायता करें । इससे बढ़कर पुण्य या भक्ति नहीं।

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

इस धरती को अगर रहने के काबिल बनाना चाहते होFw: अमृत वचन


"इस धरती को अगर रहने के काबिल बनाना चाहते हो, स्वर्ग को धरती पर उतारना चाहते हो या विशेष सुखों को, आनन्द को भोगना चाहते हो तो मिलकर चलना सीखो, मतलब एक हो जाओ। कदम से कदम मिलाओ। एकता में बहुत बड़ी शक्ति होती है। अलग अलग बिखरे हुए तिनके खुद में कूड़ा-करकट के सिवाय कुछ नहीं होते। लेकिन उन्हीं तिनकों को इकठ्ठा करके बाँध लेने पर कूड़े-करकट को साफ़ करने का एक सफ़ल साधन तैयार हो जाता है।"

परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज

If we want to make our life on earth worth living with bliss and happiness, then we should learn to walk together as one. There is great strength in unity. Scattered pieces of straw are nothing more than trash. However, when we gather all of those pieces of straw and tie them together, we successfully make a means to clean up the trash.


Translated by Humble Devotee
Praveen Verma








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Sunday, May 16, 2010

जो परम तत्त्व हमारे अंतर में बसा हुआ है


जो परम तत्त्व हमारे अंतर में बसा हुआ है वाही संसार के कण कण में बसा हुआ है। जिसके नियम सारे संसार में दिखाए पड़ते हैं, वाही सत्ता जो फलो में रस बनकर बैठी है , वहि सत्ता जो नदियों में जल बनकर बहती है, वहि थो हवाओ के द्वारा हमारे शारीर का स्पर्श करती है।

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Tuesday, May 11, 2010

जिसमें संतुलन है उसके अन्दर प्रसन्नता है


जिसमें संतुलन है उसके अन्दर प्रसन्नता है। जो परमात्मा ने दिया उसे परमात्मा की कृपा का फल मानकर स्वीकार करो प्रसन्नता आयेगी। जीवन मैं सदा गुनगुनाते रहो, खिले रहो। उत्सव उल्लास ताप भी है और भक्ति भी है।

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

tap

Jismen santulan hai uske andar prasannata hai. jo parmatma ne diya use parmatma ki kripa maankar sweekaar karo to prasannata aayegi. jeevan main sada gungunate raho, khile raho. prasannata, utsav, ullaas tap bhi hai aur bhakti bhi hai.
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Monday, May 10, 2010

जीवन की दौड़ मैं गिरना बुरी आदत नहीं

जीवन की दौड़ मैं गिरना बुरी आदत नहीं, गिरे रहना असफलता की कहानी है ।
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Sunday, May 9, 2010

सत्संग और स्वाध्याय

सत्संग और स्वाध्याय आचारवान बनाते हैं।
कुसंग और कुसाहित्य आचारहीन बनाते हैं।
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Saturday, May 8, 2010

विद्यार्थियों के लिए धर्म के सूत्र

विद्यार्थियों के लिए धर्म के सूत्र


धर्म है jan jiwan aadhar .


धर्म से चलता ये संसार॥


धर्म से चालित है ब्रहमाण्ड


धर्म से पालित है ब्रहमाण्ड॥


धर्म है जीवन पथ का लक्ष्य।


धर्म है सब सत्यों का सत्य॥




गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

विद्यार्थियों के लिए धर्म का सूत्र



विद्यार्थियों के लिए धर्म का सूत्र


धर्म है जन जीवन आधार।


धर्म से चलता यह संसार।


धर्म से चालित है ब्रह्माण्ड।


धर्म से पालित है ब्रहमाण्ड।


धर्म से जीवन पथ का लक्ष्य।


धर्म से सब सत्यों का सत्य ॥




गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Thursday, April 15, 2010

भगवान् की भक्ति

जितना विनम्र होके जीयेंगे, उतनी भगवन कि भक्ति बढती जाएगी. और जहाँ परमात्मा कि कृपा बरसती है, वहां सदा मन में उत्सव होता रहता है, शोक नहीं रहता है!
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

भगवान् की भक्ति

----- Original Message ----- To: mggarga@gmail.com
Sent: Thursday, April 15, 2010 5:14 AM
Subject: [GURUVANNI Good Thoughts by Pujay SUDHANSHUJI Maharaj] Fw: [ADHYATMIK Good th...



जितना विनम्र होके जीयेंगे, उतनी भगवन कि भक्ति बढती जाएगी. और जहाँ परमात्मा कि कृपा बरसती है, वहां सदा मन में उत्सव होता रहता है, शोक नहीं रहता है!
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश



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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI Good Thoughts by Pujay SUDHANSHUJI Maharaj at 4/15/2010 05:14:00 AM

प्रभु की भक्ति

----- Original Message ----- To: mggarga@gmail.com
Sent: Wednesday, April 14, 2010 8:56 PM
Subject: [ADHYATMIK Good thoughts by Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj] प्रभु की भक्ति


जितना विनम्र होके जीएगे, उतनी भगवन की भक्ति बढती जाएगी. और जहाँ परमात्मा कि कृपा बरसती है, वहां सदा मन में उत्सव होता रहता है, शोक नहीं रहता है!
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

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Nidhi Vohra द्वारा ADHYATMIK Good thoughts by Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj के लिए 4/14/2010 08:50:00 PM को पोस्ट किया गया

Wednesday, April 14, 2010

जब भी बोलो


जब भी बोलो यह सोच के बोलो कि यह आखिरी वचन हैं, इसीलिए सदैव मीठा बोलो!
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

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Madan Gopal Garga द्वारा ADHYATMIK Good thoughts by Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj के लिए 4/14/2010 05:11:00 AM को पोस्ट किया गया

Sunday, April 4, 2010

अपने कर्म पर और अपने भगवान पर भरोसा रखिए



अपने कर्म पर और अपने भगवान पर भरोसा रखिए। उस परमात्मा ने आपको बडी शक्ति दी है। उसके नाम में बड़ा बल है और आपके काम में बड़ा बल है। आप किसी का दर्द दूर कर दोगे तो वह प्रभु आपका दर्द अपने आप दूर करता है। पुण्य करोगे तो आपका पुण्य आपके आगे आयेगा , आपको बचायेगा। गृहस्थ लोगों को ऐसा कुछ पुण्य आदि तो करते रहना चाहिए ।

परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज

Have complete trust in your actions and in your God. Your God has given you a lot of strength. There is lot of power in his name and there is lot of power in your actions. If you remove someone's pain then that Lord will remove your pain. When you do righteous actions or good deeds then those good deeds in return will protect you. Everyone should continue to do good deeds.

Translated by Humble Devotee

Praveen Verma








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Posted By Madan Gopal Garga to AMRIT VANI Good thoughts by Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj at 3/31/2010 11:50:00 PM

Friday, April 2, 2010

Manali Sadhna shiver

Yoga & Meditation SHIVER

YogaYoga and Meditation Package

FIVE DAY YOGA AND MEDITATION SHIVERS

4th Jun To 7th June &9th June To 12th jun

Contribution

Rupees Eleven Thousand

Only, Highly subsidized

. LIFE TIME OPPORTUNITY TO HAVE A SPIRITUAL RETREAT IN AUGUST COMPANY OF HIS HOLINESS MAHARAJ JI AT MANALI

The world is getting smaller and so are our families. We've got faster cars, faster computers, more telephone connections, more email ID's and still less time to spend with each other.

When was the last time you took a break, left your office behind, let your kids forget about school, packed your bags and just decided to spend some "quality time" .

Manali literally means the 'Home of Manu', the mythological character that survived when the world was drowned in a flood. Spectacular views of snowcapped peaks and wooded slopes, grassy meadows carpeted with wild flowers make Manali the perfect retreat for a family holiday.

Manali at an altitude of 1,829 meters, surrounded by towering peaks, is far removed from the hubbub of everyday life. Its proximity to the snowline, the breathtaking landscape, the meandering Beas River, dappled orchards and fairy-tale forests of deodar make Manali an inspirational holiday for you and your loved ones.

Maharaj ji at the meditation camp, in deep trance

FIVE DAY YOGA & MEDITATION PACKAGE:

First Sadhna Shiver 4th June To 7th Jun

Second Sadhna Shiver 9th Jun to 12th Jun

Departure First camp
2nd Jun
Departure second camp

7th Jun

3rd Jun Arrival at Manali . Welcome registration, check - in rooms, snacks and drinks..
Evening Dinner,at
8 PM.

4th June

Morning at
6AM move to Ashram for meditation session, practice of yogic postures and simple pranayama.and sadhna techniques by His Holiness Sudanshu Ji Maharaj.

10 AM to 11AM Breakfast.11AM to 12PM practice and answers to queries

12PM departure for Hotels, 1300 To 1400 Hrs Lunch'

2PM to 3PM Rest.

330PM departure to Ashram for meditation

4PM to 5-30PM meditation techniques

5-30 TO 6-30 PM Practice Techniques.

6--30PM To 7PM Satsangh

7PM Departure for Hotels

8PM Dinner and rest

Devotees practicing meditation


5th June.
Morning at 6AM move to Ashram for meditation session, practice of yogic postures and simple pranayama.and sadhna techniques by His Holiness Sudanshu Ji Maharaj.

10 AM to 11AM Breakfast.11AM to 12PM practice and answers to queries

12PM departure for Hotels, 1300 To 1400 Hrs Lunch'

2PM to 3PM Rest.

330PM departure to Ashram for meditation

4PM to 5-30PM meditation techniques

5-30 TO 6-30 PM Practice Techniques.

6--30PM To 7PM Satsangh

7PM Departure for Hotels

8PM Dinner and rest

Meditation in the Pyramid

6th June

6AM Departure for Rohtang Pass/ and sightseeing Manali.

5PM Arrival , Tea and Dinner will be served at 8PM

7th June

6AM Departure for Ashram for meditation

7To 9-30AM closing ceremony

9-30 TO 10-30 Breakfast

10-30 to 1PM Problem solving session.

I PM To 2PM Lunch

3-30 Departure for Delhi



Accommodation
Accommodation has been arranged on twin sharing in the Hotels located at Naggar which is historical and scenic place.

b) ASHRAM : Ashram -it is a spiritual heaven, resting serenely among the Himalayan mountains and River Beas flowing It is nestled in the lap of the Shivalik range of the
Himalayas. The ashram's location among the apple orchard and aesthetic presentation of pious themes create an atmosphere of true spiritual sublimity.

Transportation

From Delhi Air-conditioned Luxury buses will take you to MANALI.Transport for conveyance from hotels to Ashram and for sightseeing to Rohtang Pass have been arranged


Manali the abode of Devtas most suitable for Meditation

Contact

Shri Lalit

09312284390

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